हजार तोपों की सलामी के साथ इंजीनियरिंग समुदाय को करें सलाम : डॉ बीरबल झा

हजार तोपों की सलामी के साथ इंजीनियरिंग समुदाय को करें सलाम : डॉ बीरबल झा

नई दिल्ली । सामाजिक चिंतक, जाने-माने लेखक एवं अंतरराष्ट्रीय ख्याति संस्था ब्रिटिश लिंगुआ के प्रबन्ध निदेशक डॉ बीरबल झा ने इंजीनियर्स डे के अवसर पर एक सभा को सम्बोधित  करते हुए कहा कि जहां डॉक्टर हमें स्वस्थ रहने और चिरायु होने में मदद करता है तो वहीँ एक इंजीनियर सुविधाओं के साथ एक अच्छे जीवन का रास्ता प्रशस्त करता है।  जहाँ वैज्ञानिक आविष्कार करता है, तो वहीँ एक इंजीनियर हमारी जिंदगी को आधुनिक  सुविधाओं से लैश करने में मदद करता है। एक डॉक्टर जहां किसी भी बीमारी से स्वास्थ्य की जांच और स्वस्थ होने में मदद करता है वहीं एक इंजीनियर किसी भी मशीन या उपकरणों को आकार देता है और यह सुनिश्चित करता है कि वे मानव जीवन को आसान बनाने के लिए अच्छी तरह से काम करे। 

डॉ बीरबल झा, जिन्हें हाल ही में 'ग्लोबल स्किल्स ट्रेनर अवार्ड' से नवाज़ा गया है, ने आगे कहा कि चाहे प्रौद्योगिकी, चिकित्सा उपकरण, परिवहन, विमानन, जीवन शैली या कोई भी इंजीनियरिंग हो, आधुनिक युग में हर जगह एक इंजीनियर की एक अहम्  भूमिका होती है। ऐसे पेशेवर हर उत्पाद, हर गैजेट और हमारे दैनिक जीवन में इस्तेमाल होने वाली उत्पाद में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उदाहरण के लिए, घर, पुल, सड़कें, कार, फोन, कंप्यूटर, विमान - सभी हमारे महान इंजीनियरों द्वारा डिजाइन एवं निर्मित किए गए हैं।

इंजीनियरों के सामाजिक योगदान को स्वीकार करते हुए मिथिला के 'यंगेस्ट लिविंग लीजेंड' माने जाने बाले डॉ बीरबल झा ने आगे कहा कि यह श्रेय इंजीनियर को जाता है कि हमारे दैनिक जीवन में प्रयोग होने वाले कंप्यूटर सिस्टम से लेकर ट्रैफिक लाइट तक सब कुछ सुचारू रूप से चलता है। यह वे हैं जो सीधे तौर पर समाज की भलाई में योगदान करते हैं।


भारत में अंग्रेजी कौशल और रचनात्मक लेखन के माध्यम से अपनी सामाजिक इंजीनियरिंग हेतु मशहूर लेखक डॉ बीरबल झा का मानना है कि हमारे इंजीनियर सामाजिक समस्याओं और गंभीर मुद्दों से निपटने में नई मशीनों और एल्गोरिदम को डिजाइन करते हैं वहीं इंजीनियरिंग नवाचार हमारे जीवन को आसान, आरामदायक या उत्पादक बनाते हैं। रोज़मर्रा की समस्याओं के रचनात्मक समाधान अक्सर इंजीनियरिंग से होता है।

इंजीनियरिंग समुदाय के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए डॉ बीरबल झा ने कहा कि चाहे कृषि हो, शिक्षा प्रदान करना, आम आदमी को सेवाएं प्रदान करना, वैज्ञानिक  उपकरणों का उत्पादन या औद्योगिक मशीनरी, सब कुछ आसान हो गया है हमारे इंजीनियर के बदौलत। ये वही हैं जो हर चीज को सुलभ और संभव बनाते हैं और दुनिया को एक वैश्विक गांव बनाते हैं।

अपनी समापन टिप्पणी में सामाजिक उद्यमी डॉ बीरबल झा ने बल देकर कहा कि इंजीनियरों की भूमिका को नाकारा नहीं जा सकता है। यह उनके अध्ययन और प्रयासों के कारण ही आधुनिक समाज सुविधा से लैश है और मनुष्य को जानवरों से ऊपर कर दिया है, नहीं तो हाथ रिक्शा खींचते नजर आते थे चालक। तो आइए 1000 तोपों की सलामी के साथ इंजीनियरिंग समुदाय को करें सलाम।

डॉक्टर: बीरबल झा 

रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com

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