जौनपुर । सोमवार से शारदीय नवरात्र शुरू होते ही हर जगह माता के दर्शन को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है लेकिन जौनपुर में नवरात्र के दिन का खास महत्व होता है।जौनपुर की माता शीतला चौकिया का दर्शन पूर्वांचल के लोगों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है।
नवरात्र में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ माता के दर्शन करने जौनपुर की पौराणिक शीतला माता चौकिया में उमड़ रही है । अगर किसी को मां विन्ध्यवासिनी का दर्शन करना है तो उसके पहले मां शीतला का दर्शन जरूरी है । उसके बाद ही मां विन्ध्यवासिनी के दर्शन का महत्व है। लोगों की आस्था इस बात से भी देखी जा सकती है कि दिल्ली, मुम्बई जैसी जगहों से यहां मां के दर्शन को खिंचे चले आते हैं।
पूर्वांचल के लोगों की आस्था का केंद्र मां शीतला चौकिया धाम में यूं तो हर समय दर्शनार्थियों का आना-जाना लगा रहता है लेकिन नवरात्र के अवसर पर यहां हजारों की संख्या में लोग अपनी मनोकामना लेकर माता के दर्शन को आते हैं। लोगों की मान्यता है कि माता शीतला का दर्शन करने के बाद ही मां विन्ध्यवासिनी का दर्शन किया जाता है। सुबह से ही भक्तों का सैलाब़ मां शीतला चौकिया के दर्शन के लिए उमड़ पड़ा। माता की एक झलक पाने के लिए लोग लालायित हैं। मां शीतला के भक्तों की श्रद्धा यहां तक है कि वे अपने बच्चों के मुन्डन संस्कार के लिए दिल्ली तक से खिंचे चले आते हैं। माता का दर्शन करने आये भक्त इंद्रेश राय, रानी यादव,पूजा श्रीवास्तव, आरती श्रीवास्तव, खुश्बू श्रीवास्तव, मनोज पटेल और अजीत सिंह आदि का कहना है कि माता के दर्शन करने वालों भक्तों को माँ कभी खाली नहीं भेजती। माता के दर्शन करने पहुंची प्रिया और प्रीति ने बताया कि उनके कोई औलाद नहीं थी और उन्होंने मां शीतला से मन्नत मांगी और उन्हें एक बेटी पैदा हुई जिसका मुंडन कराने के लिए वे माता के दरबार में आई हैं।
हजारों साल पुराने इस पौराणिक मंदिर में हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं और माता के दरबार में कढ़ाई चढ़ाते हैं और बच्चों का मुंडन संस्कार भी कराते हैं। ऐसी मान्यता है कि मंदिर के पास बने तालाब में नहाने से कुष्ठ जैसे रोग से छुटकारा मिल जाता है। माता के दर्शन कर लेने के बाद श्रद्धालुओं की आगे की यात्रा के सफल होने की गारन्टी हो जाती है। इसीलिए वाराणसी, सोनभद्र, बलिया, आजमगढ़, गाजीपुर, गोरखपुर जैसे पूर्वांचल के जिले से श्रद्धालु जब मां विन्ध्यवासिनी के दर्शन को निकलते हैं तो पहले माता शीतला के दर्शन कर के ही अपनी यात्रा आगे बढ़ाते हैं। मंदिर के पुजारी आनंद तिवारी ने बताया कि
नवरात्र के दिनों में तो पूजा-पाठ और व्रत का खास महत्व है ही लेकिन मां शीतला के दर्शन के बिना जौनपुर और दूर-दराज के जिलों के श्रद्धालु अपनी भक्ति को पूर्ण नहीं मानते। ऐसी मान्यता है कि माता शीतला खुद से यहां निकली है। नवदुर्गा में यह सबसे छोटी बहन है। खास बात यह भी है कि महिलाएं अपने साज शृंगार कर माता का दर्शन नहीं करती हैं। नवरात्र में मां का दर्शन करने के लिए विदेशों में भी जौनपुर के बसे लोग मां के दरबार में हाजिरी जरूर लगाते हैं। साभार हि.स।
कलश स्थापित कर माँ दुर्गा जी की पूजा हुई आरम्भ-
संदीप गुप्ता, तेजीबाजार
तेजीबाज़ार- (जौनपुर)
नवरात्रि के प्रथम दिन तेजीबाज़ार क्षेत्र के विभिन्न पंडालों को इलेक्ट्रिक लाइट, झालर, गुम्बद, झंडा, पताका आदि से भव्य सजावट किया गया वही मां दुर्गा जी की मूर्ति को स्थापित किया गया और भक्तगणों ने बड़े ही धूमधाम से मां दुर्गा जी का स्वागत किया पूजा स्थल पर कलश स्थापित कर विधि-विधान से माता रानी की पूजा-अर्चना शुरू की गयी। नवरात्रि भर पंडालों में भक्ति गीत व भक्तों की चहल-पहल से पंडाल गुंजायमय रहेगा।
क्षेत्र के दिलशादपुर, तेजीबाज़ार, मरगूपुर, गौराकलां, बरचौली, चौखड़ा, कटरा चौराहा, कंधीकलां, जनौर, भटौली, मयनदीपुर सहित आदि गावों में भव्य सजावट के साथ स्थापित की गई माँ दुर्गा जी की मूर्तियां।
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
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