जौनपुर में डेंगू से मचा हाहाकार,जिला अस्पताल में 20 बेड का बना डेंगू वार्ड फुल

जौनपुर में डेंगू से मचा हाहाकार,जिला अस्पताल में 20 बेड का बना डेंगू वार्ड फुल

जौनपुर। शहर से लेकर गांव तक डेंगू का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। पहले बदलापुर और अब अमर शहीद उमानाथ सिंह जिला अस्पताल में मरीजों की काफी संख्या हो गयी है। जिला अस्पताल में 20 बेड का बना डेंगू वार्ड फुल हो गया है।

इसके अलावा भारतीय स्टेट बैंक के सत्येन्द्र कुमार, लल्लेपुर व हरदीपुर गांव के दो लोग डेंगू से पीड़ित है। अवकाश प्राप्त प्रोफेसर डा. एमपी सिंह भी डेंगू से पीड़ित होने के कारण प्राइवेट अस्पताल में भर्ती रहे। सरकारी अस्पताल में मरीजों की संख्या के चार गुना प्राइवेट अस्पताल में मरीज भर्ती है।

जिला मलेरिया अधिकारी डा. बीपी सिंह के अनुसार अभी तक उनके आकड़े के मुताबिक 470 डेंगू के मरीज मिल चुके हैं। इसमें सबसे अधिक बदलापुर इलाके में लगभग चार सौ डेंगू के मरीज मिले हैं। इसके अलावा मछलीशहर व अर्बन में हैं। प्राइवेट अस्पतालों में डेंगू के मरीज इलाज करवा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 20 हजार से कम प्लेटलेटस कम होने पर यूनिट चढ़ाने की जरूरत होती है। एक नार्मल व्यक्ति का प्लेटलेट्स डेढ़ लाख होना चाहिए। डेंगू में त्वचा पर लाल चकत्ते होना, ग्रंथियों में सूजन, आंख के पीछे दर्द, उल्टी लगना, जी मचलना, मांशपेशियों, हड्डियो व जोड़ों व सिर में दर्द होने के साथ 104 फारेनहाइट डिग्री बुखार होता है।

बताते चलें कि जिला पुरुष अस्पताल में बना 20 बेड का डेंगू वार्ड शनिवार को भरा पड़ा था। इसमें 19 वर्षीय अमित पुत्र संजय निवासी लखनपुर लाइनबाजार, 12 वर्षीय राहुल निवासी केराकत, 48 वर्षीय सुबाष निवासी उतरगांवा, 20 वर्षीय मकसूद पुत्र शेरअली निवासी अलहदीपुर बक्शा, 55 वर्षीय गोविन्द पुत्र रमेश निवासी पुत्र नेपाली निवासी राजा साहब फाटक कोतवाली, 20 वर्षीय नैन्सी पुत्री चंद्रशेखर के अलावा अन्य भर्ती हैं। डा. बीपी सिंह ने बताया कि यह फ्लू जैसी बीमारी है जो डेंगू वायरस के कारण होती है। एडीज मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काट लेगा तो उसे भी संक्रमित कर देता है।

पैथोलाजी में स्टाफ की कमी से जांच प्रभावित

जौनपुर। इस समय डेंगू का प्रकोप तेजी से फैला है। ऐसे में जिला पुरुष अस्पताल के पैथोलाजी में जांच कराने के लिए मरीज उमड़ रहे हैं। लेकिन पैथोलाजी में स्टाप की कमी के चलते जांच प्रभावित हो रही है। एक दिन में अधिकतम 70 से 80 की जांच ही हो पा रही है वह भी रात नौ बजे तक। जिसकी वजह से अधिकांश मरीज बाहर प्राइवेट जांच कराने को विवश हैं।

'कहीं भी पानी अधिक दिन तक इकट्ठा रहने से डेूंगू के मच्छर (एडीज) पनपने लगते हैं। ऐसे में साफ-सफाई के साथ-साथ फूल आस्तीन का कपड़ा पहने, मच्छरदानी का प्रयोग करें। डेंगू के लक्षण दो से सात दिन तक रहते हैं। एक सप्ताह में मरीज स्वस्थ हो जाता है। साभार एचटी।

डा. अशोक यादव, वरिष्ठ फिजीशियन, जिला अस्पताल

फाइल फोटो 

रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com

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