वाराणसी। अगर आपको डेंगू हो गया है तो आप इसे हल्के में न लें, बल्कि इसमें धैर्य भी रखें. अगर आपका प्लेटलेट काउंट 20 हजार तक पहुंच भी जाता है तो भी ब्लड ट्रांसफ्यूजन की जरूरत नहीं होती है।
हां, अगर क्लीनिकल ब्लीडिंग हो रही है तो 10 हजार से नीचे आने पर प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत है। जब डेंगू बुखार ठीक हो जाता है तो प्लेटलेट्स अपने आप बहुत तेजी से बढ़ जाते हैं। इसके लिए आपको धैर्य रखना होगा। डेंगू के 90 फीसदी मरीजों में प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत नहीं होती है।
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प्रो०केएन द्विवेदी, बीएचयू |
बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल स्थित ब्लड बैंक के प्रभारी सीएमओ डॉ. एसके सिंह का कहना है कि बीएचयू में प्रतिदिन एसडीपी की करीब पांच यूनिट ही खपत हो रही है. वहीं, आरडीपी की खपत 50 से 60 के बीच होती है। कारण कि यहां के विशेषज्ञ अनावश्यक प्लेटलेट चढ़ाने की सलाह नहीं देते। बीएचयू में आरडीपी मुफ्त दी जाती है और इसमें डोनर की जरूरत नहीं होती है। हां, एसडीपी का किट चार्ज आठ हजार रुपए है। डॉ. सिंह ने बताया कि 20 हजार प्लेटलेट्स होने पर भी रक्त चढ़ाने की जरूरत नहीं है.
उन्होंने बताया कि क्लिनिकल ब्लीडिंग का मतलब है मसूड़ों, दांतों से या शौच के दौरान खून बहना और अगर नीला दाग या रैश पढ़ा जाए तो प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत होती है। वैसे अगर सामान्य डेंगू के मरीज डॉक्टर की सलाह से इलेक्ट्राल पीते रहें और आराम करें तो सात दिन बाद प्लेटलेट्स अपने आप तेजी से बढ़ने लगते हैं।
द्रव्यगुण विभाग के प्रोफेसर और बीएचयू में आयुर्वेद संकाय के प्रमुख डॉ. एन. द्विवेदी का कहना है कि पपीते का पत्ता प्लेटलेट्स बढ़ाने में मददगार होता है, लेकिन इसका इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए.
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डाक्टर एसके सिंह एवं प्रो०केएन द्विवेदी |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
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