दो ऐसे गोवंशी जिनकी दोस्ती कृष्ण और सुदामा की जोड़ी की तरह है,आइए जानते हैं

दो ऐसे गोवंशी जिनकी दोस्ती कृष्ण और सुदामा की जोड़ी की तरह है,आइए जानते हैं

जौनपुर। आज हम दो ऐसे गोवंशों की दोस्ती के बारे में बताने चल रहे हैं जिनकी दोस्ती इंसानों को सोचने पर मजबूर कर देती है। मामला विकास मछलीशहर के गांव तिलौरा में स्थित राम जानकी मठ का है जहां 25 से अधिक गो वंश हैं जो दिन भर आश्रम से सटे जंगल में चरकर शाम को वापस आ जाते हैं। गायों के लिये आश्रम में अस्थाई गौशाला के निर्माण का भी कार्य चल रहा है।इसमें लाल रंग का गोवंश एक पैर से दिव्यांग है

जिस कारण वह दूरतक चरने नहीं जा पाता है और आश्रम के आस पास ही चरता है काला गोवंश खाते -पीते, चरते -टहलते सदैव उसके साथ रहता है।रात में भी दोनों और गायों से दूर बैठकर विश्राम करते हैं। आश्रम में आने जाने वाला हर कोई इनकी दोस्ती का मुरीद हैं।आज के आपा- धापी और स्वार्थ -संघर्ष में जूझ रहे इन्सानों को इनकी दोस्ती भाई चारे के लिए सोचने पर मजबूर कर देती है। इनकी दोस्ती के सम्बन्ध में मठ के मठाधीस रवीन्द्र जी महाराज भावुक स्वर में कहते हैं कि उन्हें इन दोनों की दोस्ती को देखकर अपने बचपन का जमाना याद आ जाता है जब लोग बिना किसी स्वार्थ के दोस्ती किया करते थे। वह कहते हैं कि यह कृष्ण और सुदामा की जोड़ी है।जिनकी सेवा करते हुए उन्हें आनन्द की अनुभूति होती है। साभार एसएच।

फाइल फोटो 

रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com

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