प्रदेश में अवैध मतांतरण में तेजी, हर तीसरे दिन एक मामला दर्ज, फतेहपुर में सर्वाधिक 20 केस,देखे कहां कितने मुकदमे

प्रदेश में अवैध मतांतरण में तेजी, हर तीसरे दिन एक मामला दर्ज, फतेहपुर में सर्वाधिक 20 केस,देखे कहां कितने मुकदमे

लखनऊ । दिल्ली के लोमहर्षक श्रद्धा हत्याकांड की बात करें या फिर लखनऊ के काकोरी क्षेत्र में हुई निधि की हत्या की। अवैध मतांतरण व इसे लेकर जघन्य घटनाओं का ग्राफ घटता नजर नहीं आ रहा।

अवैध मतांतरण के मामलों में आई तेजी

प्रदेश में हर तीसरे दिन अवैध मतांतरण का एक मुकदमा दर्ज हो रहा है। वहीं कई ऐसे मामले भी हैं, जो पुलिस तक नहीं पहुंचते। प्रदेश में विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम के तहत दो वर्षों में अब 291 से अधिक मुकदमे दर्ज हुए हैं। इनके तहत 507 आरोपितों को गिरफ्तार भी किया गया है। पुलिस कार्रवाई के बाद भी छल-कपट से युवतियों का मतांतरण कराकर उनके उत्पीड़न की घटनाएं कम होती नजर नहीं आ रहीं है। यही वजह है कि अवैध मतांतरण को लेकर बने कानून को अब आैर कठोर बनाए जाने की पैरवी हो रही है।

फतेहपुर के बाद लखनऊ में सर्वाध‍िक अवैध मतांतरण के मामले

डीजीपी मुख्यालय ने भी अलग-अलग जिलों में दर्ज मुकदमों में चल रही कार्रवाई की निगरानी बढ़ाई है। वरिष्ठ अधिकारियों को जांच की प्रगति की नियमित समीक्षा के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश में 27 नवंबर, 2020 से 30 अक्टूबर, 2022 तक अवैध मतांतरण के सर्वाधिक 20 मुकदमे फतेहपुर में दर्ज हुए हैं। इसके अलावा आठ जिले हैं, जहां 10 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। इनमें लखनऊ, सहारनपुर, बरेली, पीलीभीत, गोरखपुर, गोंडा, आजमगढ़ व कानपुर शामिल हैं। इन जिलों में चल रही कार्रवाई पर विशेष नजर रखी जा रही है।

यूपी के 17 ज‍िले ऐसे जहां मतांतरण की एक भी एफआइआर दर्ज नहीं

सत्रह जिले ऐसे भी हैं, जिनमें अब तक एक भी एफआइआर दर्ज नहीं हुई है। अब तक 150 मामलों में पीड़ित युवतियां कोर्ट में अपने बयान दर्ज करा चुकी हैं। उन पर किए गए जुल्मों की कहानी बयां कर चुकी हैं। 59 ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां नाबालिग लड़कियों को घिनौने षड्यंत्र में फंसाकर उनका उत्पीड़न किया गया। अब तक दर्ज कुल मुकदमों में 507 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है।

अबतक 210 मामलों में आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल कर चुकी है पुल‍िस

एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि ऐसे सभी गंभीर मामलों में ठोस साक्ष्य जुटाने के साथ ही प्रभावी पैरवी सुनिश्चित कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस 210 मामलों में आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल कर चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अवैध मतांतरण के मामलों पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए अलग कानून बनाने जाने के निर्देश दिए थे। जिसके उपरांत राज्य सरकार ने विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020 को मंजूरी दी थी और पांच मार्च, 2021 को एक्ट बना था। यह कानून प्रदेश में 27 नवंबर, 2020 से प्रभावी है।

कहां अधिक मुकदमे

लखनऊ में 14, कानपुर में 12, बरेली में 12, सहारनपुर में 12, पीलीभीत में 11, गोंडा में 14, आजमगढ़ में 12, गोरखपुर में 13, गाजियाबाद में नौ, शाहजहांपुर में नौ, गौतमबुद्धनगर में आठ, मुरादाबाद में सात, रामपुर में सात, बुलंदशहर में सात, मेरठ में छह, प्रयागराज में नौ समेत अन्य जिलों में भी मुकदमे दर्ज हैं।

यहां नहीं एक भी मुकदमा

अलीगढ़, कासगंज, कानपुर देहात, कन्नौज, झांसी, जालौन, ललितपुर, सुलतानपुर, कौशाम्बी, चित्रकूट, देवरिया, संतकबीरनगर, श्रावस्ती, चंदौली, सोनभद्र, भदोही व वाराणसी।(यह आंकड़े 27 नवंबर, 2020 से 30 अक्टूबर, 2022 के मध्य के हैं । साभार जेएनएन।

सांकेतिक चित्र 

रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com

0/Post a Comment/Comments

और नया पुराने