एसआईटी की जांच में फर्जी मदरसों पर बड़ा खुलासा,कागजों पर चलते मिले 219 मदरसे, कुछ का आधुनिकरण के नाम पर हुआ भुगतान

एसआईटी की जांच में फर्जी मदरसों पर बड़ा खुलासा,कागजों पर चलते मिले 219 मदरसे, कुछ का आधुनिकरण के नाम पर हुआ भुगतान

आजमगढ़ । जनपद में फर्जी मदरसों पर बड़ा खुलासा हुआ है। एसआईटी की जांच में पता चला कि 219 मदरसे सिर्फ कागजों में ही चल रहे हैं। हकीकम में उनका कोई नामो निशान है। इतना ही ये लगातार सरकारी मदद भी ले रहे थे। इनमें से 39 तो ऐसे थे जिनको आधुनिकीकरण के नाम पर सरकारी भुगतान हुआ। एसआईटी ने शासन को रिपोर्ट दी है।

2017 में शासन ने मदरसा पोर्टल लागू किया। इसमें अल्पसंख्यक विभाग को सभी मदरसों को सूचना अपलोड करनी थी। 2017 के सितंबर से फरवरी 2018 तक मदरसों के अपलोड की सूचना पर जिला अल्पसंख्यक अधिकारी के सत्यापन के बाद 700 मदरसा को लॉक तथा अनलॉक करना था।

इसमें 387 मदरसे को लॉक किया गया। जांच में पता चला कि 313 मदरसे मानक विहीन हैं। इसके बाद सत्यापन के दौरान 12 मदरसों ने मानक को पूरा किया। दसूरे चरण में बचे हुए 301 मदरसों की जांच में 219 मदरसे मानक विहीन मिले।

तत्कालीन DMWO और तत्कालीन रजिस्ट्रार मिले दोषी
अल्पसंख्यक विभाग के वक्फ इंस्पेक्टर मनोज कुमार राय ने बताया कि जांच में तत्कालीन DMWO लालमन व प्रभात कुमार के साथ तत्कालीन रजिस्ट्रार जावेद असलम जांच में दोषी पाए गए हैं। इन पर मदरसों को मान्यता देने और वित्तीय लाभ पहुंचाने के आरोप हैं।

जांच के दौरान पता चला है कि 39 अस्तित्व विहीन मदरसों को आधुनिकीकरण योजना के तहत सरकारी धन का भुगतान भी किया गया, तो वहीं फर्जी अभिलेखों के माध्यम से 180 मदरसों के डाटा को पोर्टल पर भी अपलोड किया गया। मदरसों के प्रबंधक और शिक्षकों के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिए एसआईटी ने संस्तुति की है। साभार डीबी।

फाइल फोटो

रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com

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