जौनपुर। जनपद के थानाध्यक्षो के असहयोग के चलते ओवर लोड व अन्य खामियों के लिए पकड़े जाने वाले भारी वाहनों को सीज नहीं किया जा रहा है। बल्कि उनका चालान कर छोड़ा जा रहा है।
कारण की जगह ही नहीं है कि सीज करके वाहनों को खड़ा कराया जा सके। पहले एक माह में करीब दो से ढ़ाई सौ वाहन सीज होते थे।
लेकिन मौजूदा समय में 50 से 60 वाहन की सीज हुए। इसके पीछे अधिकारियों का कहना है कि थाने वाले सीज किए हुए वाहन को नहीं ले रहे है। इसके अलावा जौनपुर में बनने वाला यार्ड भी आज तक बना ही नहीं। बनने को कौन कहे जमीन तक नहीं ली गयी। अभी भी परिवहन विभाग का दफ्तार लाखों रुपया किराया देकर संचालित किया जा रहा है। हिन्दुस्तान की पड़ताल में एआरटीओ विभाग ने नवम्बर माह में 35 वाहन ही सीज किए। जबकि चालान 405 रहा। अक्तूबर में 56 सीज व 367 चालान, सितम्बर माह में 43 सीज व 381 वाहनों का चालान किया गया। शहर के आसपास के थाने भी अब सीज वाहनों को लेने से कतरा रहे है। सबसे बड़ी समस्या सीज किए वाहन की सुरक्षा को लेकर है। साभार एचटी।
![]() |
फाइल फोटो |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
एक टिप्पणी भेजें