वाराणसी। भेलूपुर निवासी साड़ी कारोबारी महमूद आलम के अपहरण का मामला हत्या में बदल गया। फिरौती के लिए अपहृत महमूद आलम (50) की गला दबाकर हत्या कर दी गई, फिर शव को मिर्जापुर के चुनार ले जाकर पुल से गंगा में फेंक दिया गया।
कमिश्नरेट पुलिस अब गोताखोरों की मदद से कारोबारी का शव तलाशने में जुटी है। दूसरी तरफ, पुलिस ने बुधवार को निजी बैंक की महिला बीमा एजेंट, उसके पति सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से पौने दो लाख रुपये, पासपोर्ट, बैंक का सादा चेकबुक और हत्या के बाद इस्तेमाल गाड़ी बरामद की गई है। सभी आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से जेल भेजा गया है।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान बड़ी पियरी बाग बरियार सिंह निवासी अनिरुद्ध पांडेय, उसकी पत्नी दिव्या सिंह उर्फ अंजली पांडेय और मऊ कोपागंज थाना के भर्थिया कादीपुर निवासी प्रवीण चौहान उर्फ प्रेम के रूप में हुई है। किसी सस्पेंस फिल्म की तरह पहले हनी ट्रैप, फिर अगवा और फिरौती और पैसे नहीं मिलने पर हत्या की वारदात। जिसने भी इस बारे में सुना उसका सिर चकरा गया।
भेलूपुर के गौरीगंज निवासी व साड़ी कारोबारी महमूद आलम का अपहरण गत शनिवार (13 जनवरी) को किया गया था। कारोबारी के बेटे ने भेलूपुर थाने में फिरौती के लिए अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में महिला सहित अन्य की भूमिका सामने आ रही थी। कमिश्नरेट पुलिस ने बुधवार देर शाम अपहरण व हत्या से जुड़े आरोपियों को मीडिया के सामने पेश किया और घटनाक्रम की जानकारी दी।
कारोबारी के यहां काम करने वाले ने रची साजिश
अपर पुलिस आयुक्त अपराध व मुख्यालय संतोष कुमार सिंह ने बताया कि घटना की साजिश चौक स्थित साड़ी कारोबारी के यहां काम करने वाले प्रवीण चौहान उर्फ प्रेम ने रची थी। प्रेम ने ही सारी जानकारी अपने मित्र अनिरूद्ध पांडेय को दी थी। इसके बाद आईसीआईसीआई बैंक में जीवन बीमा करने वाली दिव्या सिंह उर्फ अंजली पांडेय ने महमूद को अपने जाल में फंसाया।डीसीपी काशी आरएस गौतम ने बताया कि प्रवीण चौहान उर्फ प्रेम पहले शाइन सिटी कंपनी में काम करता था। कंपनी के खिलाफ तमाम मुकदमे हो गए। लिहाजा, वह चौक स्थित साड़ी कारोबारी के यहां काम करने लगा। साड़ी का काम करने के दौरान ही वह भेलूपुर के गौरीगंज निवासी साड़ी कारोबारी महमूद आलम के संपर्क में आया। अच्छा काम करने वाले महमूद के पास बहुत पैसे हैं, इसकी जानकारी प्रेम को थी।
इस बीच उसने अपने मित्र व चेतगंज के बाग बरियार सिंह निवासी अनिरूद्ध पांडेय, उसकी पत्नी दिव्या उर्फ अंजली के साथ मिल कर महमूद के अपहरण की योजना बनाई। महमूद को जाल में फंसाने का काम दिव्या को दिया गया। चूंकि, दिव्या बीमा एजेंट थी, इसलिए बीमा कराने के बहाने महमूद से काफी नजदीक आ गई। व्हाट्सएप और वीडियो कॉल पर महमूद से बे वक्त बात करने लगी।
दूसरे के आधार कार्ड पर लिया नया सिम कार्ड
घटना से पहले ही प्रेम ने 13 जनवरी को दालमंडी से फोन खरीदा, फिर 14 जनवरी को अनिरूद्ध और दिव्या को लेकर अपनी एसयूवी से कैंट रोडवेज बस स्टेशन पहुंचा। यहां पहले से परिचित दुकानदार अतुल शर्मा की दुकान से 700 रुपये में सिम कार्ड खरीदा। सिम कार्ड अतुल शर्मा की दुकान पर काम करने वाले राहुल अग्रहरि के आधार कार्ड पर लिया गया। इसके एवज में राहुल को 150 रुपये भी दिए गए। जबकि प्रेम ने दुकानदार को अलग से पांच हजार रुपये दिए।
पहले 20 लाख की फिरौती मांगी, फिर 10 लाख मांगने लगे
डीसीपी काशी के अनुसार, मोबाइल और सिम के जरिये दिव्या ने महमूद आलम को उसी दिन अपराह्न फोन किया और कहा कि बीएचयू में मुलाकात होगी। उस समय महमूद अपनी स्कूटी से लंका स्थित दवा खरीदने आए थे। स्कूटी से आए महमूद ने दिव्या को देने के लिए एटीएम बूथ से दस हजार रुपये भी निकाले। आधार कार्ड, पासपोर्ट, अन्य दस्तावेज और दस हजार नगदी लेकर महमूद बीएचयू स्थित विश्वनाथ मंदिर के पास पहुंचा। यहां पहले से ही खड़ी सफेद रंग की एसयूवी में दिव्या बैठी हुई थी।
इस बीच महमूद भी गाड़ी में बैठकर बातचीत करने लगा। तभी प्रेम और अनिरुद्ध पहुंचे। इन सबने महमूद का हाथ व पैर रस्सी से बांध दिया। इसके बाद सीर गेट से गाड़ी लेकर निकले और बरेका, चौकाघाट होते हुए रिंग रोड से जौनपुर रोड पर पहुंच गए। फूलपुर थाना क्षेत्र में पहुंचने के बाद महमूद से 20 लाख रुपये की फिरौती मांगी गई। तब महमूद ने कहा कि बैंक खाते में सिर्फ दो लाख रुपये हैं। तब आरोपियों ने कहा कि आठ लाख रुपये और परिवार से मंगाओ। इस पर महमूद के मोबाइल से ही घटना वाले दिन शाम सवा छह बजे दो बार बेटे फैजान को फोन कराया और आठ लाख रुपये की मांग की थी।
धोखे से पिलाई शराब फिर दुपट्टे से गला कसकर हत्या
डीसीपी काशी के अनुसार, आरोपियों से भी पूछताछ की गई है। आारोपियों ने बताया कि महमूद आलम की हत्या की योजना नहीं थी। बस पैसे के लिए उठाया गया था। जब बेटे फैजान से कारोबारी ने फोन पर बात की थी, तब फैजान ने कहा था कि अब्बू परेशान न हों, जो लोग उठाए हैं। वे सब चिन्हित कर लिए जाएंगे। किसी को नहीं छोड़ा जाएगा। इसके बाद आरोपी डर गए और पकड़े जाने के भय से कारोबारी का मोबाइल स्विच ऑफ करा दिया। इस बीच कारोबारी से डेबिट कार्ड का पिन पूछकर बाबतपुर में एक एटीएम बूथ से 90 हजार रुपये निकाले।
जौनपुर, केराकत होते हुए चंदवक गए और गोमती पुल से मोबाइल को नदी में फेंक दिया। इसी तरह गाजीपुर रोड से वापस हरहुआ, मोहनसराय होते हुए चुनार पहुंचे। इससे पहले कोल्ड ड्रिंक में शराब मिलाकर कारोबारी को जबरन पिलाया गया। जब कारोबारी नशे में हो गया, तब दिव्या के दुपट्टे और अन्य आरोपियों ने डाटा केबल से गला कसकर हत्या कर दी। हत्या से पहले कछवा और भैंसा घाट चौकी के दो बार चक्कर लगाए गए। इसके बाद चुनार पुल से महमूद के शव को गंगा में फेंक दिया गया।
चुनार से आरोपी रामनगर पीएसी गए और महमूद के डेबिट कार्ड से 90 हजार रुपये और निकाले। इसके बाद पड़ाव होते हुए पांडेयपुर वाराणसी आए। प्रेम ने अनिरूद्ध और दिव्या को घर पर उतारा, फिर मऊ निकल गया। मऊ जाते समय महमूद के डेबिट कार्ड से प्रेम ने फिर दस हजार रुपये निकाले और डेबिट कार्ड को तोड़कर फेंक दिया।
पति चलाता था ऑटो और पत्नी करती थी जीवन बीमा
डीसीपी काशी ने बताया कि मोबाइल और सिम कार्ड उपलब्ध कराने वाले अतुल शर्मा और राहुल अग्रहरि को भी गिरफ्तार किया जाएगा। गिरफ्तार आरोपी अनिरुद्ध के खिलाफ मऊ और वाराणसी में हत्या के प्रयास, आर्म्स एक्ट समेत छह मुकदमे दर्ज हैं। अनिरुद्ध इन दिनों ऑटो रिक्शा चलाता था। पत्नी बैंक में बीमा एजेंट का काम करती थी। गिरफ्तारी टीम में भेलूपुर इंस्पेक्टर रमाकांत दुबे, क्राइम ब्रांच प्रभारी सुनील कुमार सिंह, सर्विलांस सेल प्रभारी अंजनी पांडेय, एसआई मनीष मिश्रा, संतोष यादव आदि रहे। साभार ए.यू।
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पकड़ा गया आरोपी |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
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