रामनरेश प्रजापति
जौनपुर। प्राथमिक विद्यालय बड़ौना शाहगंज के शिक्षकों द्वारा 30 जनवरी को प्रातः करीब 10:30 बजे पढ़ाई के समय बच्चों के खेलने कूदने और एक ही जगह बैठकर शिक्षकों के बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जिस गुरु को भगवान से भी ऊंचा स्थान प्राप्त है। अपने कर्म,ईमानदारी,अपने उत्तरदायित्व के बखूबी निर्वहन तथा अंधकार से प्रकाश की तरफ ले जाने वाले गुरु की ही कर्तव्य पथ से विमुख होने का मामला प्रकाश में
आया है।जहां एक तरफ प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार गरीबों के बच्चों के भविष्य को उज्जवल करने के लिए सतत प्रयत्नशील हैं।सीएम योगी गरीबों के बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए लगातार नई नई नीतियों,विद्यालयों पर अपार धन राशि खर्च करके समाज की सबसे कमजोर कड़ी गरीबों के बच्चों के भविष्य की नींव को मजबूत करके राष्ट्र के उत्थान में बेशक सराहनीय कार्य कर रहे हैं। शिक्षा के क्षेत्र में पूरे प्रदेश में जौनपुर को विशेष ख्याति और लोकप्रियता प्राप्त है जिसका श्रेय जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और समर्पित एवं योग्य शिक्षकों को जाता है। जिन्होंने अपने तप त्याग और छात्रों को पुत्रवत पिता की तरह शिक्षित करके जिले को विशेष पहचान दिलाई।शिक्षकों के समर्पण और उनकी मेहनत को नकारा नहीं जा सकता किंतु कुछ ऐसे लोग भी हैं जो गुरु पद की गरिमा और उनकी निष्ठा को ठेस पहुंचाने का काम कर रहे हैं ।यह मामला शाहगंज के प्राथमिक विद्यालय बड़ौना के शिक्षकों का बताया जा रहा है।समाज में जिस गुरु की नैतिक जिम्मेदारी मानी जाती है कि वह अपने शिष्यों को निस्वार्थ भाव से शिक्षित कर राष्ट्र में श्रेष्ठ नागरिकों का निर्माण करें। यही नागरिक राष्ट्र के चौमुखी विकास में अपने योगदान से देश और लोकतंत्र को मजबूती व नई दिशा देने का काम करेंगे।शासन- प्रशासन भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है । इससे मुख्यमंत्री के सार्थक प्रयासों,डीएम मनीष कुमार वर्मा तथा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ.गोरखनाथ पटेल की कीर्ति,साफ-सुथरी छवि,दोनों अधिकारियों की अर्जित की हुई लोकप्रियता को धूल में मिलाने का काम तहसील क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक कर रहे हैं।सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है कि कुछ शिक्षिकाएं पढ़ाने के बजाय एक जगह कुर्सी लगाकर बैठ कर आपस में बातचीत करती हुई नजर आ रही हैं।विद्यालय के बच्चे भी पढ़ने के बजाय अनियमित ढंग से बाहर खेलते कूदते दिखाई दे रहे हैं।कोई छात्र खेल रहा है तो कोई आपस में बातचीत कर रहे हैं।समाज के सबसे गिरे और दबे कुचले और अत्यंत निर्धन लोग अपने बच्चों को आर्थिक समस्या के कारण सरकारी स्कूलों में भेजते हैं कि उनके बच्चों के भविष्य का ख्याल रखा जाएगा और शासन- प्रशासन उनके जीवन को सजाने और संवारने का काम करेंगे।उनकी उम्मीदों पर इस विद्यालय के शिक्षक पानी फेरने से बाज नहीं आ रहे हैं।
देश की सेवा और समाज को शिक्षित करने के लिए सरकार इन्हें वेतन देती है लेकिन यह न तो अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझ रहे हैं और न ही इन्हें विभाग के आला अधिकारियों और प्रशासन का किसी प्रकार का डर है।बेचारे लाचार और गरीब अभिभावक भी ऐतराज नहीं कर पा रहे हैं। अपने बच्चों को ऊंचाई की बुलंदियों पर पहुंचने का सपना देख रहे अभिभावकों के सपने को यहां के शिक्षक चूर- चूर कर रहे हैं।बच्चों की शिक्षा व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए जिलाधिकारी भी विद्यालयों में जाकर बच्चों की पढ़ाई लिखाई के स्तर को ऊंचा उठाने और उनके उत्थान के लिए कार्य कर रहे हैं। उपरोक्त प्रकरण के संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि खंड शिक्षाधिकारी शाहगंज को मामले की जांच सौंपी गई है।जांच करके उचित कार्रवाई की जाएगी।
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फाइल फोटो |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
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