प्रयागराज। उच्च न्यायालय ने मनीष कुमार वर्मा जिलाधिकारी जौनपुर को अवमानना नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण के साथ तलब किया है। कोर्ट ने कहा है कि प्रथम दृष्टया जिलाधिकारी पर आदेश की अवहेलना करने पर अवमानना का केस बनता है।
कोर्ट ने जिलाधिकारी से पूछा है कि उन्होंने अपने खिलाफ कितने अवमानना नोटिस प्राप्त किए हैं और उनका परिणाम क्या हुआ। उनके द्वारा संतोषजनक सफाई न देने के कारण कितने अवमानना केस अभी भी लंबित हैं। क्यों न इसे कदाचार माना जाए और सेवा पुस्तिका में प्रविष्टि की जाए। कोर्ट ने यह भी पूछा कि क्यों न उनसे इस केस के हर्जाने की वसूली की जाए। यह आदेश न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल ने बिशुन चंद उर्फ किशुन चंद की अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।
शाहगंज तहसील के भिवरहा कला गांव में प्लाट संख्या 366 याची की खेती की भूमिधरी जमीन है। बगल में प्लाट संख्या 292 फतेहगढ़ गांव का है। गांव वालों के दबाव में उसी पर सड़क बनाई जा रही है, किंतु सड़क बनाने में याची के प्लाट का अतिक्रमण किया गया है। पैमाइश व सीमांकन की मांग की अनसुनी करने पर कोर्ट ने जिलाधिकारी को तहसीलदार की रिपोर्ट पर सीमांकन कर विवाद छह हफ्ते में तय करने का निर्देश दिया। आदेश की प्रति जिलाधिकारी को दी गई किंतु आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है, जिस पर यह अवमानना याचिका दायर की गई है। साभार ए. यू।
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फाइल फोटो |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
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