लखनऊ। पूर्व मंत्री स्वाति सिंह और परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह के बीच 22 साल पहले जिस रिश्ते की शुरुआत प्यार से हुई थी। उस रिश्ते की राहें यूं अलग हो जाएंगी किसी ने सोचा भी नहीं था।
पूर्व मंत्री स्वाति सिंह ने कोर्ट में तलाक की अर्जी दाखिल की थी, जिस पर दयाशंकर सिंह कोर्ट में हाजिर नहीं हो रहे थे। इसके बाद कोर्ट ने एकतरफा फैसला सुनाते हुए दोनों के तलाक पर अपनी मुहर लगा दी है। तो वहीं, इस हाई प्रोफाइल तलाक की खूब चर्चा हो रही है। आइए जानते हैं दयाशंकर और स्वाति सिंह के बीच कैसे शुरु हुई थी लव स्टोरी...
दयाशंकर सिंह स्वाति सिंह के बीच ऐसे हुई प्यार की शुरुआत
पूर्व मंत्री स्वाति सिंह और परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के रहने वाले हैं। स्वाती सिंह, इलाहाबाद में एमबीए की पढ़ाई कर रही थी। तो वहीं, दयाशंकर सिंह लखनऊ विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति में सबसे आगे के नेता थे। इतना ही नहीं, स्वाति सिंह और दयाशंकर सिंह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से भी जुड़े हुए थे सक्रिय राजनीति में सबसे आगे थे। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कई कार्यक्रमों में दोनों की मुलाकात होती थीं और मेलजोल बढ़ता चला गया। इसके बाद स्वाति सिंह, लखनऊ आ गईं और यूनिवर्सिटी से पीचएडी की पढ़ाई करने लगीं।
स्वाति सिंह और दयाशंकर ने 18 मई 2021 में कर ली शादी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लखनऊ में दोनों की नजदीकियां और बढ़ गई और दोनों ने 18 मई 2001 को शादी कर ली। शादी के कुछ सालों तक सबकुछ ठीक रहा है। लेकिन, शादी के कुछ सालों बाद में दोनों के रिश्तों में तल्खी बढ़ती गई और 2012 में बात तलाक तक पहुंच गई। खबर के मुताबिक, पारिवारिक न्यायालय में डाली गई स्वाति सिंह की तरफ से तलाक की अर्जी में आरोप लगाया गया कि दयाशंकर सिंह उनके साथ मारपीट करते हैं। मुकदमे की सुनवाई के दौरान ही साल 2017 में भाजपा ने स्वाति सिंह को विधानसभा चुनाव का टिकट दे दिया। दरअसल, 2017 में तलाक का मामला कोर्ट में चल ही रहा था कि दयाशंकर सिंह ने बसपा चीफ मायावती के खिलाफ एक विवादित बयान दे दिया था।
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6 साल के लिए दयाशंकर को पार्टी किया था निष्कासित
दयाशंकर के बयान से बीजेपी भी बैकफुट पर आ गई और उनसे फौरन किनारा करते हुए उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया। लेकिन, बसपा नेताओं ने स्वाति सिंह और उनकी बेटी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी कर दी। बस यहीं से स्वाति सिंह ने मोर्चा खोल दिया और दयाशंकर के लिए ढाल बन गईं। जिसके बाद दोनों पति-पत्नी के बीच फिर नजदीकी हुई थीं। इतना ही नहीं, उन्हें आमलोगों की सहानुभूति मिली और स्वाति सिंह की इस फायरब्रांड इमेज को देखते हुए बीजेपी ने उन्हें सीधे प्रदेश महिला मोर्चा का अध्यक्ष बना दिया। फिर स्वाति सिंह को लखनऊ की सरोजनीनगर सीट से उम्मीदवार बना दिया, जहां बीजेपी तीन दशकों से जीत नहीं रही थी।
स्वाति सिंह ने दर्ज कराई जीत
स्वाति सिंह ने लखनऊ की सरोजनीनगर सीट जीत दर्ज की और उन्हें योगी सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया गया। स्वाति सिंह साल 2017 में मंत्री बनने के बाद पति दयाशंकर सिंह से तलाक लेने वाले मामले में पैरवी बंद कर दी। साल 2018 में फैमिली कोर्ट ने दोनों पक्षों के कोर्ट नहीं पहुंचने पर केस बंद कर दिया था। हालांकि, दोनों के रिश्तों फिर बिगड़ने लगे और दोनों अलग-अलग रहने लगे। 2022 के चुनाव में स्वाति सिंह और दयाशंकर सिंह खुलकर आमने-सामने आ गए। दरअसल, स्वाति के मंत्री बनने के कुछ साल बाद दयाशंकर सिंह की बीजेपी में वापसी हो गई थी।
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इस बात से हुई थी नाराज
2022 के चुनाव में दयाशंकर सिंह ने सरोजनीनगर सीट पर दावेदारी ठोंक दी। पार्टी आलाकमान असमंजस की स्थिति में आ गई। स्वाति सिंह ने भले ही 2017 में सरोजनीनगर से चुनाव जीता था, लेकिन बीजेपी में दयाशंकर सिंह का कद काफी बढ़ा था। इस वजह से पार्टी हाईकमान ने स्वाति सिंह का टिकट काटा और दयाशंकर सिंह को बलिया से टिकट दे दिया। स्वाति सिंह अपना टिकट कटने से खूब नाराज हुई थीं और फिर तलाक के लिए एक बार फिर कोर्ट पहुंच गईं। वहीं, कोर्ट ने दयाशंकर के उपस्थित न होने पर कोर्ट ने स्वाति के साक्ष्य से सहमत होकर तलाक का फैसला लिया है। साभार वन इंडिया।
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फाइल फोटो |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
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