प्रदेश के कुछ हिस्सों में दिखी दुर्लभ आकाशीय घटना,लोगो में बना रहा कौतूहल,आइए जानते है सोलर हालो के बारे में

प्रदेश के कुछ हिस्सों में दिखी दुर्लभ आकाशीय घटना,लोगो में बना रहा कौतूहल,आइए जानते है सोलर हालो के बारे में

जौनपुर। उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में लोगों ने एक दुर्लभ आकाशीय घटना देखी, जिसमें आकाश में सूर्य एक रहस्यमयी वलय से घिरा हुआ था। लोगो में कौतूहल बना रहा तथा लोग इसके बारे में एक दूसरे से पूछते दिखे।पूर्वांचल विश्वविद्यालय के रज्जू भइया संस्थान स्थित भू एवं ग्रहीय विज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. श्रवण कुमार ने बताया कि काफी लोगो ने उनसे इस घटना के बारे में जानने के लिए फ़ोन किया।

डॉ. कुमार ने बताया कि यह एक सामान्य ऑप्टिकल परिघटना है जिसे विज्ञान की भाषा में सोलर हालो या सन रिंग भी कहते हैं। हमारे सौर मंडल में सूर्य के चारो और इंद्रधनुष की तरह दिखाई देने वाले बहुरंगी वलय को सूर्य प्रभामंडल या सोलर हालो (Solar Halo ) कहते हैं। चांद के साथ भी ऐसा होता है और इसे हालो ऑफ मून कहा जाता है।

कुछ लोग इसे मून रिंग भी कहते हैं।क्यों बनता है सन रिंग ?डॉ. कुमार ने बताया कि ऐसा वातावरण में मौजूद बर्फीले हेक्सागोनल क्रिस्टल के कारण होता है। यह घटना बादलों में बर्फीले कणों के द्वारा सूर्य के प्रकाश के फैलाव (डिस्पेरशन) नामक प्रक्रिया का परिणाम है। सूर्य के प्रभामंडल को 22-डिग्री रिंग हालो भी कहा जाता है।

ये बर्फीले क्रिस्टल सिरस (पक्षाभ) बादलों में पाए जाते हैं, जो पतले और छितराये रूप में रेशम की तरह दिखते हैं। जब सूर्य का प्रकाश इन बर्फ के क्रिस्टलों में प्रवेश करता है, तो यह क्रिस्टल की सतहों द्वारा अपवर्तित या मुड़ा हुआ होता है। प्रकाश के इस मुड़ने से सूर्य की किरणें अपने घटक रंगों में अलग हो जाती हैं, जिससे रंगों का एक स्पेक्ट्रम बन जाता है जो प्रभामंडल के रूप में दिखाई देता है।सूर्य के प्रभामंडल का निर्माण बर्फ के क्रिस्टल के आकार और अभिविन्यास के साथ-साथ सूर्य के कोण पर निर्भर करता है। प्रभामंडल प्रभाव बनाने के लिए क्रिस्टल को एक विशेष तरीके से उन्मुख होना चाहिए, उनकी सपाट सतह जमीन के समानांतर होनी चाहिए। यही कारण है कि सूर्य का प्रभामंडल अपेक्षाकृत दुर्लभ है। इससे पहले भी देश के अन्य हिस्सों में सौर प्रभामंडल देखा गया है।कुछ लोगों का मानना है कि सोलर रिंग आने वाले ४८ घंटो में आँधी तूफ़ान और ओलावृष्टि के सूचक होते हैं। वैसे भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD ) द्वारा जारी मौसम की भविष्यवाणी में अगले २-३ दिनों में उत्तर प्रदेश में धूल भरी आंधी और गरज -चमक के साथ बारिश की सम्भावना व्यक्त की गयी है।साभार टीएम।

फाइल फोटो

रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com

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