प्रयागराज। एसडीएम ज्योति मौर्य का मामला अभी भी सुर्खियों में है। इसी बीच प्रयागराज जनपद से ज्योति मौर्य जैसा दूसरा मामला भी सामने आ गया है। प्रयागराज में एक पति मेहनत मजदूरी करने के अलावा अपनी जमीन बेचकर पत्नी को पढ़ाया।
सिपाही बनने के बाद पत्नी ने पति का साथ छोड़ दिया।
अब अपनी पत्नी को पाने के लिए पति दर-दर भटक रहा है। पति का कहना है कि सिपाही बनने के बाद उसकी पत्नी उसे दुत्कार कर भगा दे रही है। मामले को लेकर बिरादरी से कई बार पंचायत भी कराई गई लेकिन बात नहीं बन सकी। अब यह मामला भी जोर पकड़ने लगा है।
दरअसल, यह पूरा मामला प्रयागराज जनपद के मेजा तहसील अंतर्गत जरार गांव का है। गांव में रविंद्र कुमार नामक एक व्यक्ति रहता है। रविंद्र की शादी साल 2016 में मांडा के एक गांव में सुषमा नामक युवती से की गई थी। बताया जा रहा है कि शादी के समय सुषमा ने 11वीं की परीक्षा पास की थी।
शादी के बाद सुषमा विदा होकर ससुराल आई। रविंद्र का कहना है कि ससुराल आने के बाद सुषमा ने पढ़ने की इच्छा जताई। ऐसे में मेहनत मजदूरी करके रविंद्र अपनी पत्नी को पढ़ाने लगा। पत्नी सुषमा पढ़ने में काफी अच्छी थी ऐसे में रविंद्र अपनी मेहनत की कमाई उसकी पढ़ाई में खर्च करते गया।
रविंद्र ने बताया कि एक दौर ऐसा भी आया जब उसे लगा कि उसकी पत्नी की पढ़ाई छूट जाएगी तो उसने अपनी पैतृक जमीन भेज दी। जमीन बेचने के बाद वह अपनी पत्नी को पढ़ाता रहा। रविंद्र को पूरा विश्वास था कि उसकी पत्नी पढ़ लिख कर एक दिन अधिकारी बनेगी।
इसी बीच सुषमा ने यूपी पुलिस का फार्म भरा और परीक्षा पास करने के बाद यूपी पुलिस में उसे सिपाही की नौकरी मिल गई। रविंद्र की मां का कहना है कि बहू के सिपाही बन जाने के बाद बस्ती और परिवार में खुशी का माहौल था। बस्ती के आने लोग घर पर आकर मिठाई भी खिला रहे थे।
लेकिन इसी बीच सिपाही बनने के बाद सुषमा के व्यवहार में परिवर्तन आ गया। यूपी पुलिस में नौकरी लगने के बाद सुषमा अपने पति से दूरी बनाने लगी। सास भी फोन करती तो वह सास भी फोन पर बातचीत नहीं करती थी। नौकरी लगने के बाद वह मायके के लोगों से मतलब रखने लगी।
इस मामले को लेकर बिरादरी के लोगों की एक पंचायत बुलाई गई। पंचायत के बाद भी दोनों पक्षों में कोई हल नहीं निकल सका। पति रविंद्र का कहना है कि जब उसकी पत्नी सिपाही बनी तो उसी के बाद उसके व्यवहार में परिवर्तन आ गया।
रवींद्र ने मीडिया को यह भी बताया कि 11वीं पास करने के बाद जब उनकी पत्नी ससुराल आई तो उसने उसे 12वीं की परीक्षा दिलवाई। परीक्षा पास करने के बाद उनका ग्रेजुएशन में दाखिला करवाया तथा मेहनत मजदूरी कर समय-समय पर कॉलेज की फीस भी जमा करता रहा। इतना ही नहीं, रवींद्र ने अपनी पत्नी को पढ़ाने के लिए बहुत कुछ किया, लेकिन नौकरी मिलने के बाद उनकी पत्नी का व्यवहार बदल गया. अब जब वह अपनी पत्नी से मिलने जाता है तो पत्नी उसे डांटकर भगा देती है। साभार वन इंडिया।
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फाइल फोटो |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
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