जौनपुर। विकास कार्यों के नाम पर किए जाने वाले भुगतान में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी मिली है। जौनपुर जिले के तीन नगर पालिकाओं और एक नगर पंचायत में कुल मिलाकर तीन करोड़ 86 लाख रुपये से अधिक का अनियमित भुगतान किया गया है, जबकि प्रभावी कार्यवाही न करने के कारण निकायों को करीब एक करोड़ 76 लाख रुपये की क्षति हुई है।
शाहगंज नगर पंचायत में स्वीकृत से अधिक कार्य कराने के कारण अधिक भुगतान किया गया है। इसका खुलासा सीएजी की रिपोर्ट में हुआ है।
नगर निगम, पालिका परिषद, नगर पंचायत और विकास प्राधिकरणों पर सीएजी ने रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में जौनपुर जिले का भी जिक्र किया गया है। नगर पालिका परिषद जौनपुर में वर्ष 2016-17 में विभिन्न शासकीय भवनों से गृहकर और जलकर की वसूली के लिए प्रभावी कार्यवाही नहीं की गई। इस वजह से करीब 40 लाख 20 हजार 852 रुपये की क्षति हुई। इसी तरह नगर पालिका परिषद मुंगराबादशाहपुर में 2017-18 में गृहकर, जलकर, दुकान किराया की बकाया धनराशि की वसूली के प्रभावी कार्यवाही नहीं किए जाने से निकाय को एक करोड़ 28 लाख 45 हजार रुपये की क्षति हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, शाहगंज नगर पालिका परिषद को कोई क्षति नहीं हुई है।
इन मदों में निकायों ने किया अनियमित भुगतान
सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार, जौनपुर नगर पालिका द्वारा 2016-17 में जलनिकासी का कार्य सीएंडडीएस से न कराकर पंजीकृत ठेकेदारों से कराए जाने के कारण दो करोड़ 43 लाख 98 हजार का अनियमित भुगतान किया। इसी तरह आउटसोर्सिंग पर कार्यरत कर्मचारी के सप्लायर के चयन हेतु पुन: टेंडर न कराए जाने, पत्र भेजने में तिथि न होने, बोर्ड की स्वीकृति न होने, भुगतान के पूर्व सेवाकर की कटौती न किए जाने आदि अनियमितताओं के कारण करीब 20 लाख का अनियमित भुगतान किया गया। अन्य मदों में भी लाखों का अनियमित भुगतान का मामला है।
शाहगंज और केराकत में भी अनियमित भुगतान
सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार नगर पालिका परिषद शाहगंज और नगर पंचायत केराकत में भी अनियमित भुगतान किया गया। शाहगंज में वर्ष 2017-18 में सीआरपी प्राप्त किए बिना निर्माण कार्यों में करीब 70 लाख का भुगतान किया गया। इसी तरह अजान शहीद पोखरे से स्कूल होते हुए रेलवे फाटक तक एवं मोहल्ला नई आबादी में डाक बंगला रोड से एसबीआई बैंक तक नाली व सड़क निर्माण कार्य हेतु स्वीकृत कार्य से अधिक कार्य कराए जाने से आठ लाख 33 हजार से अधिक भुगतान किया गया। केराकत नगर पंचायत में बोर्ड की स्वीकृति के बिना स्वीकृत निविदा की धनराशि से अधिक 26 लाख 69 हजार रुपये अनियमित भुगतान बताया गया। साभार ए यू।
![]() |
सांकेतिक चित्र |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
एक टिप्पणी भेजें