विशाल सिंह, वाराणसी
वाराणसी । जनपद में इन दिनों रेलवे भर्ती बोर्ड की कार्यप्रणालियां सन्देह के घेरे में हैं, जीरो टॉलरेंस नीति पर कार्य करने वाली योगी सरकार कब ऐसे अधिकारियों पर शिकंजा कसेगी जो आज भी मानक के विपरीत रेलवे के अधीन इस नियुक्ति में अपनी मनमानी कर रहे हैं, जी हां रेलवे ने कुछ इस तरह की भर्तियां निकाली है जिनका
रिटायरमेंट 4 वर्ष से अधिक हो वही पात्रता की श्रेणी के अंतर्गत रखे जाएंगे, मगर रेलवे भर्ती बोर्ड से जुड़े हुए संबंधित अधिकारी उन लोगों को भी पात्रता सूची में शामिल कर लिया जिनकी रिक्वायरमेंट महज दो अथवा 3 साल में होना सुनिश्चित है ,बड़ा सवाल आखिर यह उठता है क्या वास्तव में रेलवे भर्ती बोर्ड ने जानबूझकर इस नियुक्ति में गड़बड़ी करने का इरादा बना लिया हो मजे की बात यह है की ब्यूरो चीफ विशाल सिंह ने जब इस बाबत संबंधितों से बातचीत करना चाहा, तो उन्होंने पहले टालमटोल की नीति को अपनाया इसके बाद भी अपने पी आर ओ से संपर्क करने को कहा ,
एक अधिकारी ने यह भी कह दिया कि 26 अगस्त के बाद इस विषय पर बात होगी ,ताज्जुब तो उसे वक्त हुआ जब परिणाम की घोषणा गुरुवार अथवा शुक्रवार को होने की उम्मीद बताई जा रही है ,कहने का आशय यह है कि जब परिणाम निकल ही जाएगा भर्ती से जुड़ा हुआ तो 26 अगस्त के बाद मिलने का क्या औचित्य होगा, आखिरकार रेलवे भर्ती बोर्ड प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र से जुड़ा होने के बाद भी क्यों जानबूझकर इतनी बड़ी लापरवाही कर रहा है यह जांच का विषय है बी एल डब्ल्यू के पीआरओ भी फोन करने के बावजूद रिसीव नहीं किया जा रहा है, आखिरकार प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र से जुड़े होने के बावजूद अधिकारियों की यह भूमिका समझ से परे है।
![]() |
फाइल फोटो |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
एक टिप्पणी भेजें