BSA ने परिषदीय विद्यालयों का किया औचक निरीक्षण,प्रधानाध्यापिकाओं समेत 14 शिक्षको का रोका वेतन

BSA ने परिषदीय विद्यालयों का किया औचक निरीक्षण,प्रधानाध्यापिकाओं समेत 14 शिक्षको का रोका वेतन

जौनपुर। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा.गोरख नाथ पटेल ने सोमवार को सिकरारा व मछलीशहर विकास खंड के परिषदीय विद्यालयों का निरीक्षण किया। बीएसए ने दो प्रधानाध्यापिकाओं समेत 14 शिक्षको का वेतन रोक दिया।

इसमें से कुछ गैर हाजिर मिले। कुछ के यहां छात्र संख्या कम थी। तो कुछ विद्यालयों में गंदगी पायी गयी। बीएसए के कार्रवाई से क्षेत्र के अन्य शिक्षण संस्थानों में हड़कम्प मचा रहा। कंपोजिट विद्यालय भुवाखुर्द सिकरारा में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी गोरखनाथ पटेल 8:05 बजे पहुंच गए। प्रभारी प्रधानाध्यापिका पुष्पा शुक्ला, सहायक अध्यापिका सत्यभामा सिंह, सहायक अध्यापक इन्दू यादव, सहायक अध्यापक दिनेश कुमार व शिक्षामित्र बिना किसी पूर्व सूचना के विद्यालय में अनुपस्थित पाये गये। रत्नावली सिंह आकस्मिक अवकाश पर थी। विद्यालय मे नामांकित 97 छात्रों के सापेक्ष सिर्फ 5 छात्र उपस्थित पाये गये । प्रधानाध्यापिका ने विद्यालयी अभिलेखों को आलमारी में ताला बन्द करके रखी थी। जिससे बीएसए कुछ देख नहीं पाए। विद्यालय प्रांगण बहुत ही गन्दा पाया गया। विद्यालय मे अवस्थित मल्टीपल हैण्डवाश टूटे हुये पाये गये। बीएसए ने प्रधानाध्यापक सहित समस्त सहायक अध्यापक,शिक्षामित्र एवं अनुदेशक का अग्रिम आदेश तक वेतन व मानदेय अवरूद्ध कर दिया। खण्ड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से 7 दिवस के मध्य अपना स्पष्टीकरण सभी को देना होगा। स्वच्छता पखवाड़ा मनाये जाने के लिए तैयारी पूर्ण किये जाने का निर्देश दिया। प्राथमिक विद्यालय खपड़हां विकास खंड सिकरारा में समस्त शिक्षक उपस्थित पाए गए। विद्यालय मे नामांकित कुल 74 छात्रों के सापेक्ष सिर्फ 42 छात्र पाये गये । बीएसए ने छात्रों से सामान्य ज्ञान से सम्बंधित प्रश्न तथा- अंग्रेजी में शरीर के अंगो के नाम पूछा। सभी ने सही जवाब दिया गया। यहां से बीएसए सीधे मछलीशहर विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय कहरौरा में पहुंच गए। यहां भी समस्त शिक्षक व अनुदेशक मौजूद मिले। शिक्षा मित्र सविता सिंह अनुपस्थित थी। लेकिन उनका हस्ताक्षर हुआ था। बीएसए ने कहा कि फर्जी हस्ताक्षर विद्यालय का ही कोई शिक्षक बना रहा है। जिसकी जांच की जाएगी। 24 अगस्त से छात्र उपस्थिती पंजिका पर बच्चों की हाजिरी ही नहीं लगी थी। बीएसए ने कहा कि यह स्पष्ट होता है कि विद्यालय के प्रधानाध्यापक अनुचित लाभ प्राप्त करनें के लिए "मध्यान्ह भोजन पंजिका" मे लाभार्थी छात्रों की संख्या में वृद्धि कर लाभ प्राप्त कर रहे है। विद्यालय परिसर साफ-सुथरा नहीं पाया गया तथा परिसर मे बहुत बड़ी-बड़ी बरसाती घास उगी हुयी थी। विद्यालय मे प्रधानमन्त्री पोषण अभियान के अंतर्गत मध्यान्ह भोजन मे "रोटी-सब्जी" बनती हुयी पायी गयी। सब्जी मे गुणवत्तायुक्त सामग्री के स्थान पर पानी की मात्रा अधिक थी। यहां कम से कम 180 छात्र होने चाहिए थे। विद्यालय में कार्यरत प्रधानाध्यापक सहित समस्त सहायक अध्यापक,शिक्षामित्र एवं अनुदेशक का अग्रिम आदेश तक वेतन व मानदेय बीएसए ने रोक दिया। सात दिन के भीतर स्पष्टीकरण भी मांगा है। साभार एचटी।

फाइल फोटो

रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com

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