जौनपुर। संकर धान उत्तर प्रदेश की एक मुख्य फसल है, जिसे बरसात के मौसम में उगाते हैं। संकर धान का उत्पादन सामान्य धान से लगभग १.५-२ गुना ज्यादा पैदावार होता है। वर्तमान समय में रासायनिक उवर्रको के उपयोग से मृदा की गुणवत्ता में कमी होती है जैसे- भूमि का अनउपजाऊ हो जात्रा, मृदा अपरदन मृदा, मृदा जनित् बीमारी और कीड़े- मकोड़े का प्रकोप तथा फसलों में भारी धातु (कैडमियम आर्सेनिक आदि) का सांद्रता बढ़ जाती है, जो मानव शरीर के लिए हानिकारक और मृदा व जल प्रदूषण पैदा करता है।
संकर धानों में सूक्ष्म जीव समृद्ध खाद और खाद चाय उपयोग करने से दुनिया भर में जीवाश्म ईंधन आधारित रसायनिक का उर्वरकों के उपयोगिता में कमी हो जायेगी।
खाद और खाद चाय के उपयोग से मृदा में जैविक कार्बन (सूक्ष्म जीवो का भोजन), घुलनशील लवण, सूक्ष्म जीवों की संख्या एवं द्वितीयक चयापचयों की मात्रा बढ़ने से सकर धान के पैदावार में लगभग १०-१५% उत्पादन बढ़ जाता है व फसल की लागत में भी कमी आती है। संकर धान के उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ उपज, रसायनिक गुण और अनाज की गुणवत्ता बढ़ जाती है। सकारात्मक प्रभाव जैसे बाली की संख्या प्रतिवर्ग मीटर कटाई के समय, भरे हुए दाने का प्रतिशत, १००० दाने का वजन, दाने और पुआल में नत्रजन की मात्रा फास्फोरस और पोटाश की मात्रा दाने में बढ़ जाती है।
सूक्ष्मजीव समृद्ध खाद बनाने की विधि :
धान का पुआल / मक्का कड़वी (सूखा) और हरा घास-फूस या खरपतवार (१:६) अनुपात मे मिलाकर चारा काटने वाली मशीन से काट देवें या दीजिए / (१५ किग्रा सूखा और ६५ किग्रा हरा खरपतवार
दो दिन पुराना 20 किग्रा गोबर इकटठा करें, 1 किग्रा मृदा बरसीम या अरहर के खेत से लावे, और 20 लीटर पानी में घोल बनावें
आमने- सामने दो गड्ढा खोदें ( ३.० मीटर लम्बाई, १.५ मीटर चौड़ाई और १.० मीटर गहरा)
गड्ढे मे सबसे नीचे स्तर/ तह में पुआल व हरा घास-फूस का मिश्रण डालें (आधा बीता= १५ सेमी) और ऊपर वाले तह मे गोबर डाले (आधा बीता) इसके बाद मिट्टी वाला विलयन का छिड़काव करें (ध्यान रखें की पानी ज्यादा न होने पाए
इसी को बार-बार दुहराएँ, जब तक कि गड्ढा न भर जाए, अन्तिम स्तर के बाद हरा घास फूस डाले, इसके बाद मिट्टी का लेप लगाकर ढक दें
एक महीने के बाद इस मिश्रण को दूसरे गडढे में पलट दें। तीन बार एक महीने के अन्तराल पर पलटते रहे
९०-१०० दिनों बाद सूक्ष्म-जीव समृद्ध खाद बन कर तैयार हो जाती है
परिपक्व खाद गहरे काले रंग की हो जाती है तब यह खाद निकालकर मे प्रयोग कर ५ टन/ बीघा उपयोग करें
खाद को खेत में फैलाकर तुरन्त जुताई करें, परिपक्व खाद रोपाई के १५ दिन पहले ही खेत में मिला देना चाहिए/ सूक्ष्म समृद्ध खाद का उपयोग आप कम्पोस्ट चाय बनाने में भी करते हैं।
खाद चाय/ तरल सोना बनाने की विधि
१ किग्रा किया (सूक्ष्म जीव समृद्ध खाद) ओर 5 लीटर पानी को एक पात्र या प्लास्टिक के बर्तन में लीजिए
इस मिश्रण को दिन में एक लकड़ी के डंडे से 2-3 बार पाँच मिनट के लिए हिलते-डुलाते रहें, ध्यान रहे ऊपर का पानी नीचे और नीचे का पदार्थ ऊपर आ जाऐ
तीन दिन बाद (परिपक्व) मिश्रण को सूती कपडे या छन्नी से, छान लेवें, जो गाढ़ा, तरल पदार्थ निकलता है उसे ही खाद चाय या तरल सोना भी कहते हैं
एक लीटर खाद चाय को २0 लीटर पानी मिलाकर 1५ दिन के अन्तराल पर में शाम के समय धान की फसलों में छिड़काव करें
इसके उपयोग से संकर धान के उत्पादन (उपज) क्षमता बढ़ने के साथ-साथ दाने की गुणवत्ता में वृद्धि व पौष्टिक तत्वों की भरपूर मात्रा ( प्रोटीन, वसा, खनिज लवण व अन्य) तथा मानव शरीर में रोग प्रतिरोधन क्षमता भी बढ़ती है।
![]() |
फाइल फोटो |
लेखक-डॉ.आलोक मौर्य
अध्यक्ष- जनपद स्तरीय मृदा परीक्षण प्रयोगशाला,अमेठी
एक टिप्पणी भेजें