अनाथ व एक अभिभावक की मौत के बाद बच्चों को मिलेगा 4 हजार रूपए की आर्थिक सहायता,ऐसे करे आवेदन

अनाथ व एक अभिभावक की मौत के बाद बच्चों को मिलेगा 4 हजार रूपए की आर्थिक सहायता,ऐसे करे आवेदन

जौनपुर। शासन की तरफ से अनाथ व एक अभिभावक की मौत के बाद बच्चों को स्पॉन्सरशिप योजना के तहत प्रतिमाह चार हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके तहत एक माता-पिता के अधिकतम दो बच्चों को यह लाभ दिया जाएगा।

अभी तक ऐसे बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना से लाभान्वित किया जा रहा है। स्पॉन्सरशिप योजना में दायरा बढ़ा दिया गया है, इसमें गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाले व 72 हजार से कम वार्षिक आय वाले परिवारों को भी सहायता दी जाएगी। दिसंबर तक कुल 100 बच्चों को इसका लाभ दिया जाएगा।
स्पॉन्सरशिप योजना के तहत एक से 18 वर्ष तक के बच्चों को चार हजार रुपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसका लाभ उन बच्चों को मिलेगा जिनके पिता की मृत्यु हो, मां तलाकशुदा या परिवार द्वारा परित्यक्त हो। साथ ही माता-पिता या उनमें से कोई गंभीर, जानलेवा रोग से ग्रसित हैं। बच्चे जो बेघर हैं अनाथ हो या विस्तारित परिवार के साथ रह रहे हो। कानून से संघर्षरत, बाल तस्करी, बाल-विवाह, बाल वेश्यावृत्ति, बाल-श्रम, बाल भिक्षावृत्ति में शामिल होते हैं। किसी प्राकृतिक आपदा में देखभाल करने के लिए असमर्थ हैं। सहायता व पुनर्वास की आवश्यकता वाले बच्चे, फुटपाथ पर जीवन यापन करने वाले, प्रताड़ित, उत्पीड़ित या शोषित बच्चे को इसका लाभ दिया जाएगा। पैसा अनाथ बच्चे के खाते में आएगा। इसमें न्यायालय से नामित अभिभावक ही पैसे निकाल सकेंगे। जिन बच्चों के माता-पिता में कोई एक जीवित है। वो संरक्षक के तहत पैसे निकाल सकेंगे। योजना का लाभ उन अभिभावकों को भी मिलेगा जिनकी ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतम 72 हजार व अन्य क्षेत्रों में 96 हजार रुपये सालाना आय हो।
आवेदन के लिए आवश्यक अभिलेख :-

इसके लिए आधार कार्ड, आय प्रमाणपत्र, आयु प्रमाणपत्र, मृत्यु प्रमाणपत्र, शिक्षण संस्थान में पंजीयन का प्रमाणपत्र लगाना अनिवार्य होगा।

आवेदन की प्रक्रिया :-
ऑफलाइन आवेदन जिला बाल संरक्षण इकाई या जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय में जमा किया जाएगा।
स्पॉन्सरशिप योजना के तहत अधिकतम दो बच्चों को चार-चार हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इससे 18 वर्ष तक उनका बेहतर ढंग से लालन-पालन हो सके। इसका लाभ अनाथ व दोनों अभिभावकों में से एक की मृत्यु पर भी दिया जाता है।-विजय पांडेय, जिला प्रोबेशन अधिकारी। साभार ए.यू।

फाइल फोटो

रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com

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