जौनपुर। जिला जेल पूर्वांचल के अति संवेदनशील जेलों में से एक है। इधर, कुछ वर्षों में काफी सुधार हुआ। लेकिन, बीते दिनों बंदी अमन के फांसी लगाकर आत्महत्या के बाद एक बार फिर से सुर्खियों में आ गई है।
अमन के परिजन यह स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं कि उसने आत्महत्या की है, क्योंकि घटना के कुछ देर पहले सुबह ही उसकी पिता से बात हुई थी। हालांकि इस मामले की विभागीय जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं। सूत्रों की मानें तो यह जांच जौनपुर जेल के अधीक्षक को सौंपी गई है।
फातिमपुर निवासी अमन (21) का शव 15 नवंबर की सुबह जेल के अंदर तीस फीट ऊंचे पेड़ से लटकता मिला था। जेल प्रशासन के मुताबिक उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया था। उसके खिलाफ बहरियाबाद थाने की पुलिस ने 21 अक्तूबर को पड़ोस की गांव की किशोरी को बहला-फुसलाकर दुष्कर्म के आरोप में जेल भेजा था। हालांकि, परिजनों ने फंसाने का आरोप लगाया था। मृतक की बहन का आरोप था कि उसके भाई की हत्या की गई है। वह फांसी नहीं लगा सकता है। उनका कहना है कि सीसीटीवी फुटेज देखकर ही घटना की सच्चाई का पता चल सकेगा। हालांकि, पूरे प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए विभागीय जांच कराई जा रही है। सूत्रों की मानें तो यह जांच जौनपुर जेल के अधीक्षक एसके पांडये को सौंपी गई है, जो इसी सप्ताह में जांच करने भी आ सकते हैं। जिला कारागार में करीब 860 के अधिक बंदी हैं। जबकि इसकी क्षमता 517 की ही है। यही कारण है कि बंदी की निगरानी के लिए 56 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और मानिटरिंग के लिए कंट्रोल रूम बना है। अब सवाल यह है कि अमन सुबह अपने पिता से बात किया और उसके बाद पीपल के पेड़ पर चढ़कर गमछे से फांसी लगा ली और कंट्रोल रूप में तैनात किसी की भी इस पर नजर नहीं पड़ी। हालांकि यह सब अब जांच से ही सामने आ पाएगा। साभार ए यू।
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सांकेतिक चित्र |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
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