श्रमजीवी एक्सप्रेस बम ब्लास्ट केस में 18 साल बाद आया फैसला,2 आतंकियों को सजाए-मौत और लगा जुर्माना

श्रमजीवी एक्सप्रेस बम ब्लास्ट केस में 18 साल बाद आया फैसला,2 आतंकियों को सजाए-मौत और लगा जुर्माना

जौनपुर। श्रमजीवी एक्सप्रेस बम विस्फोट कांड मामले में जौनपुर की अपर जिला अदालत ने बुधवार को बड़ा और ऐतिहासिक सजा सुनाया. आरोपी आतंकी नाफिकुल विस्वास और हिलाल को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई. कोर्ट ने दोनों के ऊपर 5 -5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

आधे घंटे चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. बता दें कि 28 जुलाई 2005 की शाम हरपालगंज और कोइरीपुर के बीच हुए बम ब्लास्ट कांड में कुल 14 रेल यात्री की मौत हो गई थी, जबकि 62 यात्री ब्लास्ट में घायल हुए थे.

आपको बता दें कि जौनपुर अपर जिला जज की कोर्ट ने चारों आतंकियों में से रोनी को 30 जुलाई 2016 को औक औबेदुर्रहमान को 31 सितंबर 2016 को फांसी की सजा सुनाई थी. दो आतंकी हीलाल और नफीकुल विश्वास को अब बुधवार को मृत्युदंड की सजा सुनाई गई है.

18 साल बाद आया फैसला

अदालत उन्‍हें इसके पहले 22 दिसंबर और 2 जनवरी को ही दोषी करार देते हुए जजमेंट के लिए फैसला को सुरक्षित रख लिया था. अब दोनों को मृत्युदंड और अर्थ दंड की सजा सुनाते हुए कोर्ट की विधिक कार्रवाई के बाद 18 साल इस केस में फैसला आया है.

आपको बता दें कि इसके पहले 2016 में दो आतंकी आरोपियों को कोर्ट ने पहले ही फांसी की सजा सुना चुका है. अब बाकी के दो आतंकवादियों को जौनपुर की अदालत ने मृत्युदंड की सजा सुनाया है. साभार न्यूज 18.

फाइल फोटो

रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
parmartimes@gmail.com

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