जौनपुर के एक रईस ने बनवाई थी ज्ञानवापी मस्जिद;जॉइंट सेक्रेटरी यासीन(मस्जिद कमेटी) ने ASI के रिपोर्ट पर उठाया सवाल

जौनपुर के एक रईस ने बनवाई थी ज्ञानवापी मस्जिद;जॉइंट सेक्रेटरी यासीन(मस्जिद कमेटी) ने ASI के रिपोर्ट पर उठाया सवाल

वाराणसी। ज्ञानवापी मस्जिद में 3 महीने तक चले पुरातात्विक सर्वेक्षण की रिपोर्ट गुरुवार को आ गई. इसके बाद मस्जिद कमेटी भी मुखर हो गई है. मामले में अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी के जॉइंट सेक्रेटरी और केस के मुस्लिम पक्ष से पैरोकार मोहम्मद सैयद यासीन ने बड़ा बयान दिया है.

उन्होंने कहा कि ASI की रिपोर्ट नाकाफी है. अभी सुप्रीम कोर्ट की तरफ से सेवन इलेवन अलाउ हो जाने के बाद ASI रिपोर्ट रद्दी की टोकरी में चली जाएगी.

'आज तक' से अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी के जॉइंट सेक्रेटरी मोहम्मद सैयद यासीन ने बताया कि ASI सर्वे की आई रिपोर्ट अपने आप में नाकाफी है. क्योंकि पूरा प्लॉट एक बीघा 9 बिश्वा के लगभग है. जबकि ASI सर्वे पूरी तरह से ज्ञानवापी पर ही केंद्रित किया गया है. यह कहना गलत है कि मस्जिद औरंगजेब के समय तामीर हुई. जबकि यह मस्जिद 804 हिजरी से 812 हिजरी के बीच में तामीर हुई है.

जौनपुर के एक रईस ने बनवाई थी यह मस्जिद

यानी करीब 600 साल पहले यह मस्जिद बनी है, जो अकबर से लगभग डेढ़ सौ साल पहले बनाई गई थी. ASI की तरफ से सर्वे की आई रिपोर्ट 17वीं शताब्दी में औरंगजेब के वक्त मस्जिद नहीं बनी है, बल्कि जौनपुर के एक रईस थे. उन्होंने यह मस्जिद बनवाई थी. किसी शासक ने यह मस्जिद नहीं बनवाई थी. हो सकता है कि यहां कभी बुद्धिस्टों का मठ रहा हो.

खाली जमीन पर मस्जिद बनी थी और उसी जमाने से नमाज होती रही है. तीन फेज में ज्ञानवापी मस्जिद तामीर हुई है. यह बात जुबानी तौर पर ASI वालों ने भी स्वीकारी थी. अब अपनी रिपोर्ट में वह क्या देते हैं नहीं मालूम? उन्होंने बताया कि सबसे पहले जौनपुर के रईस ने मस्जिद तामीर कराई थी. फिर अकबर के समय भी मस्जिद में तब्दीली हुई.

'अचानक क्यों ऐसी दिक्कत हो गई?'

आगे फिर दीने इलाही का भी जिक्र है. इसके बाद औरंगजेब ने मस्जिद का एक्सटेंशन किया. मगर, औरंगजेब ने मंदिर को तोड़कर मस्जिद नहीं बनाई. औरंगजेब ने कौन सा विश्वनाथ मंदिर तोड़ा है? इसका कहीं जिक्र नहीं है. मस्जिद की तामीर के वक्त बनाने वाले बाहर से नहीं आए थे, यहां के लोग थे. मंदिर की बुनियाद पर मस्जिद बनाई गई. हम इसको नहीं मानते. क्योंकि लंबे समय से लोग वहां नमाज पढ़ने चले आए हैं और ऐसा रहता तो वहां नमाज न पढ़ा जा रहा होता. अभी तक ऐसी कोई दिक्कत नहीं थी, लेकिन अचानक क्यों ऐसी दिक्कत हो गई?

उन्होंने बताया कि अब आगे वह 839 पन्नों की रिपोर्ट का अध्ययन करेंगे और रिपोर्ट को एक्सपर्ट को भी दिखाएंगे. आखिर क्या खामियां हैं इस रिपोर्ट में. सर्वे रिपोर्ट में देवी देवताओं की मूर्तियों के अवशेष और कुछ खंडित शिवलिंग भी मिले हैं. इसके जवाब में उन्होंने बताया कि खंडित का कोई मतलब नहीं है. जब ज्ञानवापी मस्जिद खुला था, तो मलबा इधर-उधर से लाकर फेंक दिया जाता था. उस समय यह पता नहीं था कि यह सब हमारी परेशानी की सबब बन जाएगी.

'क्या ASI रिपोर्ट अल्लाह को भेजी जाएगी?'

ज्ञानवापी मस्जिद के हुए पुरातात्विक सर्वेक्षण में यह साबित हो जाना कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई है, तो आखिर मुस्लिम पक्ष सुलह करके हिंदू पक्ष को क्यों नहीं ज्ञानवापी मस्जिद सौंप दे रहा है. इसके जवाब में मोहम्मद यासीन ने बताया कि आखिर हम क्यों मस्जिद दे दे? हम वहां पहले से नमाज पढ़ते आ रहे हैं.

मंदिर की बुनियाद पर बनाए गए मस्जिद से नमाज की दुआएं कैसे कबूल होगी? इसके जवाब में मोहम्मद यासीन ने कहा कि हमारी दुआएं कबूल होगी कि नहीं इसके बारे में आप कैसे बताएंगे? हमारी दुआ अल्लाह कबूल करेगा या नहीं वह वही जानेगा. क्या ASI रिपोर्ट अल्लाह को भेजी जाएगी? ASI रिपोर्ट का हम पहले अध्ययन करेंगे और विश्लेषण करेंगे. फिर वकीलों को देंगे. इसके बाद, जो तय होगा देखा जाएगा. ASI सर्वे रिपोर्ट का कोई मसला नहीं है. क्योंकि अभी बहुत सी चीज सुप्रीम कोर्ट में देखी जानी है. साभार आज तक।

फाइल फोटो

रिपोर्ट:अमित कुमार सिंह
एडिटर इन चीफ(परमार टाईम्स)
parmartimes@gmail.com

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