संदीप गुप्ता,जौनपुर
तेजीबाजार(जौनपुर)। स्थानीय पुरानी बाजार में दीपचंद्र ऊमर वैश्य द्वारा नौ दिवसीय संगीतमयी श्रीरामकथा के आयोजन में आज दूसरे दिन की कथा में उमादास महराज जी व स्वाति शुक्ला ने श्रोताओं को श्रीराम व भरत जी के मिलन की मनमोहक कथा का बखूबी वर्णन किया।
जिसमें महराज जी ने बताया कि लंका में विजय प्राप्त करने के बाद भगवान श्रीराम चन्द्र जी ने अपने भाई भरत जी को जो वचन दिए थे उस वचन के अंतराल में अयोध्या पहुंचे और भरत द्वारा संकल्पित प्रतिज्ञा को रोककर अपने वचन का निर्वाह करते हुए अयोध्या में राज्याभिषेक कार्यक्रम किया गया जिसमें सारी प्रजा व दूर देश के राजाओ महाराजाओं की उपस्थिति भगवान श्रीरामचन्द्रजी का राज्याभिषेक हुआ और चारों भाइयों में प्रेम का सैलाब उमड़ पड़ा इस दृश्य को देखकर हर एक कि आँखे छलक गयी।
"रिपु रन जीती सुजस सुर गावत सीता सहित अनुज प्रभु आवत,सुनत वचन विसरे सब दुखा त्रिषडा वंत पाई पियूषा"
महराज जी द्वारा सुनाई जा रही कथा को सुनकर श्रोतागण अपने आसुओं को नही रोक पा रहे थे।
इस कथा का रसपान करने हनुमान भक्त पं0मुकेश मिश्रा, ज्ञानचंद्र, जगदीश ऊमर, विनोद सेठ, अनुज सेठ, गयादीन यादव, रमेश, पप्पू सेठ, सच्चिदानंद मिश्रा, सहित सैकड़ों की संख्या में महिलाएं,पुरुष, युवक युवतियां, बच्चे आदि उपस्थित रहे।।
कथा के अंत में बड़े ही विधिवत आरती-पूजन किया गया,जयकारें लगाये गये, और वही अयोजकर्ता द्वारा प्रसाद का वितरण किया गया।
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फाइल फोटो |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
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