लखनऊ । राजधानी के गोमती नगर में एक रिटायर्ड आईआरएस के घर में रहकर पढ़ाई कर रही एक युवती पर एक शख्स ने बेरहमी से हमला किया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें देखा जा सकता है कि युवक ने पहले लड़की को गालियां दीं और फिर थप्पड़ मारे।
इस घटना के बाद पुलिस ने तुरंत केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
वीडियो वायरल होने पर सियासत गरमाई
यह घटना जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुई, उत्तर प्रदेश की सियासत में भी उबाल आ गया। समाजवादी पार्टी ने इस वीडियो को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर करते हुए राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला। सपा ने अपने पोस्ट में लिखा, “एक नाबालिग मासूम बच्ची को मां-बहन की गालियां देता ये भाजपा नेता है। बच्ची के साथ रेप करने की कोशिश, कपड़े फाड़ने की कोशिश करने वाला यह हैवान भाजपा नेता है। बच्ची को डराने धमकाने और गाली देकर थप्पड़ मारने वाला यह इंसान के रूप में शैतान भाजपा नेता है। यह है भाजपा शासित योगी सरकार में बहन-बेटियों की सुरक्षा के हालात। शर्म करें सीएम योगी जी महाराज।”
जमीनी विवाद के चलते मारपीट
पुलिस के अनुसार, रिटायर्ड आईआरएस सुधाकर तिवारी के घर में रहकर पढ़ाई कर रही युवती के साथ यह घटना जमीनी विवाद के चलते हुई। सुधाकर तिवारी का आरोप है कि सीतापुर निवासी संजय प्रताप सिंह और उनके बेटे राजा प्रबल प्रताप सिंह ने इस घटना को अंजाम दिया। आरोपियों ने पहले युवती को गालियां दीं और फिर उसके बेडरूम में घुसकर फोन का स्पीकर ऑन करके गाली-गलौज करने लगे। इसके बाद युवक ने युवती को थप्पड़ मारे और उसका फोन भी तोड़ दिया। युवती ने जब पुलिस को फोन किया, तो आरोपी मौके से भाग निकले। घटना के बाद युवती को गला दबाकर कपड़े फाड़ने की भी कोशिश की गई।
केस दर्ज और जांच
पुलिस ने इस घटना के संबंध में संजय प्रताप सिंह, राजा प्रबल प्रताप सिंह और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। पुलिस ने बताया कि 13 जून को ही मुकदमा दर्ज हो चुका है और मामले की विस्तृत विवेचना की जा रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे हर पहलू की गहनता से जांच कर रहे हैं और दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस घटना ने न केवल स्थानीय समाज को बल्कि पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। समाज के विभिन्न वर्गों से लेकर राजनीतिक दलों तक सभी ने इस घटना की निंदा की है। लोग सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं और राज्य सरकार से कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इस घटना ने एक बार फिर महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और सरकार की जवाबदेही पर उंगली उठाई है।
लखनऊ की यह घटना न केवल कानून व्यवस्था के लिए बल्कि समाज के लिए भी एक बड़ी चुनौती है। इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि महिलाओं की सुरक्षा के मामले में हमें अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है। पुलिस और प्रशासन को इस मामले में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले। इसके साथ ही समाज को भी जागरूक और संवेदनशील बनाना होगा ताकि किसी भी महिला या लड़की के साथ ऐसा दुर्व्यवहार न हो सके। साभार केआईटी।
देखें वीडियो 👇
https://x.com/MediaCellSP/status/1809468716473552988?s=19
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फाइल फोटो |
रिपोर्ट:अमित कुमार सिंह
एडिटर इन चीफ(परमार टाईम्स)
parmartimes@gmail.com
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