Author: Ram Bharosh Dubey; Guest Expert Uddan project
Health: डायबिटीज एक मेटाबॉलिक डिसऑर्डर है, जिसके दो टाइप हैं। टाइप 1 डायबिटीज जो अनुवांशिक होती है और टाइप 2 डायबिटीज जिसके पीछे खराब लाइफस्टाइल और अनहेल्दी खानपान अहम कारण बताए जाते हैं। बीते कुछ सालों में ये एक गंभीर बीमारी बनकर उभरी है, जिसका कोई इलाज अभी तक नहीं मिल पाया है। हालांकि, राहत की बात यह है कि सही जीवनशैली और खानपान में कुछ खास चीजों को शामिल कर डायबिटीज को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। इसी कड़ी में यहां हम आपको एक ऐसे ही खास फल के बारे में बता रहे हैं, जिसका सेवन इंसुलिन के उत्पादन को बढ़कर ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने में मददगार साबित हो सकता है।
क्या है ये खास फल?
दरअसल, हम यहां अमरूद की बात कर रहे हैं। कई अध्ययनों की रिपोर्ट बताती हैं कि ये फल मधुमेह की स्थिति में सुधार करने में असरदार साबित हो सकता है। यही वजह है कि एक्सपर्ट्स भी मधुमेह रोगियों को अमरूद को अपनी डाइट का हिस्सा बनाने की सलाह देते हैं।
कई तरह से पहुंचाता है फायदा?
दरअसल, अमरूद पोषक तत्वों का खजाना है। इसमें फाइबर की प्रचुर मात्रा पाई जाती है और फाइबर पाचन को सुधारने में मदद करता है। ऐसे में इस फल को खाने से आपको लंबे समय तक पेट भरे होने का अहसास रहता है यानी आपको जल्दी-जल्दी भूख नहीं लगती है। इस स्थिति में खाना ब्लड स्ट्रीम में जल्दी नहीं जाता है और आपका ब्लड शुगर लेवल नियंत्रण में रहता है।
अमरूद में विटामिन सी की भी अच्छी मात्रा होती है, जो इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। विटामिन सी की कमी शरीर में ब्लड ग्लूकोज लेवल पर असर डालती है।
बढ़ता वजन या मोटापा भी आपको टाइप 2 डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारी का शिकार बना देता है। वहीं, ऐसी स्थिति में भी अमरूद का सेवन फायदेमंद है। इस खास फल में कैलोरी की मात्रा बहुत कम होती है, साथ ही अमरूद में मौजूद फाइबर भी पाचन को बढ़वा देकर वजन को कंट्रोल में रखता है।
इन सब के अलावा अमरूद का ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी बेहद कम है। बता दें कि GI इंडेक्स इस बात का माप है कि कोई भोजन हमारे ब्लड शुगर लेवल को कितनी जल्दी बढ़ाता है। मतलब हम जो भोजन करते हैं, उससे दो से तीन घंटे बाद रक्त में ग्लूकोज की मात्रा जितनी भी बढ़ती है उसे ग्लाइसेमिक इंडेक्स कहते हैं। ऐसे में कम GI इंडेक्स वाले फूड खून में शुगर की मात्रा को अधिक बढ़ने नहीं देते हैं।
कैसे करें सेवन?
वैसे तो आप अमरूद को धोकर सीधे इसका सेवन करते हैं। हालांकि, इस फल से तैयार चटनी का सेवन मधुमेह रोगियों के लिए अधिक बेहतर माना जाता है। अमरूद की चटनी को तैयार करने के लिए इसमें कई ऐसी अन्य चीजों को भी मिक्स किया जाता है, जो भी ब्लड शुगर कंट्रोल करने में असरदार हैं।
ऐसे करें तैयार
चटनी बनाने के लिए सबसे पहले एक सामान्य रूप से पके हुए अमरूद को धोकर कई टुकड़ों में काट लें।
अब एक मिक्सर ग्राइंडर लेकर कटे हुए अमरूद के टुकड़े, कुछ साफ धुले हुए तुलसी के पत्ते एक दालचीनी का टुकड़ा और स्वादानुसार काला नमक और 2 से 3 चम्मच पानी मिलाकर मिक्स कर लें।
हल्का ग्राइंड होते ही आपकी चटनी बनकर तैयार हो जाएगी। आप चाहें तो इस दौरान अमरूद के कुछ साफ पत्तों को भी इसमें मिक्स कर सकते हैं। मधुमेह कंट्रोल करने के लिए अमरूद के पत्तों को भी असरदार माना गया है।
इस तरह पहुंचाते हैं लाभ
अमरूद के पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट्स, पोटैशियम और विटामिन्स जैसे कई जरूरी पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। ये तत्व कार्बोहाइड्रेट को ग्लूकोज में तब्दील करने वाले एंजाइम, अल्फा-ग्लूकोसिडेस के कार्य को कम करते हैं।
तुलसी में मौजूद यूजेनॉल, मिथाइल यूजेनॉल और कैरियोफिलिन जैसे तत्वों की वजह से पैंक्रियाटिक बीटा सेल्स सही तरीके से काम करते हैं। ऐसे में शरीर में इंसुलिन का उत्पादन भी बेहतर होता है और इस तरह तुलसी के पत्ते ब्लड शुगर को नॉर्मल करने में असर दिखाते हैं।
इन सब के अलावा दालचीनी में मौजूद फ्लेवोनोइड्स, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-वायरल गुण डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। साथ ही ये डायबिटीज में बार-बार भूख लगने और शुगर की क्रेविंग को कम करने में असरदार है।
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अमरूद, फाइल फोटो |
रिपोर्ट:अमित कुमार सिंह
एडिटर इन चीफ(परमार टाईम्स)
parmartimes@gmail.com
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