गाजियाबाद। यूपी पुलिस की छवि को धूमिल करने वाला एक और मामला सामने आया है। गाजियाबाद कमिश्नरेट पुलिस के अंकुर विहार थाने में तैनात दरोगा मुन्ना सागर, जो अपने मासूम चेहरे, सिंघम जैसी मूंछों और खाकी वर्दी पर चमकते दो स्टार के लिए जाने जाते थे, अब भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में फंस गए हैं।
मेरठ की एंटी करप्शन यूनिट ने मुन्ना सागर को 20,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई उनके खिलाफ एक शिकायत मिलने के बाद की गई।
लहसुन-प्याज नहीं, पर हराम की कमाई गटकने में माहिर
दरोगा मुन्ना सागर, जिन्हें स्थानीय लोग उनकी सादगी के लिए पहचानते थे, का असली चेहरा अब सबके सामने आ चुका है। कहा जाता है कि वे धार्मिक विचारधारा के चलते लहसुन और प्याज तक से परहेज करते थे, लेकिन रिश्वतखोरी से मिली हराम की कमाई को बिना झिझक स्वीकार कर लिया करते थे।
कैसे हुई गिरफ्तारी?
सूत्रों के अनुसार, एक स्थानीय व्यक्ति ने एंटी करप्शन यूनिट को शिकायत दी थी कि दरोगा मुन्ना सागर किसी मामले को रफा-दफा करने के लिए रिश्वत मांग रहे हैं। इसके बाद यूनिट ने जाल बिछाया और उन्हें 20,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया।
लोकप्रियता से पतन की ओर
मुन्ना सागर अपने इलाके में काफी लोकप्रिय थे और लोगों के बीच "हरदिल अजीज" के रूप में पहचाने जाते थे। लेकिन इस घटना ने उनकी छवि को गहरा धक्का पहुंचाया है। उनके खिलाफ अब विभागीय जांच शुरू कर दी गई है, और उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
पुलिस विभाग की प्रतिक्रिया
गाजियाबाद कमिश्नरेट पुलिस के उच्चाधिकारियों ने इस घटना पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि भ्रष्टाचार किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि दोषी पाए जाने पर मुन्ना सागर के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश है। लोगों का कहना है कि पुलिस की वर्दी में ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के कारण पूरी फोर्स की छवि खराब होती है।
यह मामला एक बार फिर से यह साबित करता है कि कानून के रक्षक ही जब भ्रष्टाचार में लिप्त हों, तो न्याय व्यवस्था पर सवाल खड़े होना स्वाभाविक है। अब देखना यह होगा कि इस मामले में दोषी दरोगा को क्या सजा मिलती है। साभार आरडी।
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दरोगा मुन्ना सागर,फाइल फोटो |
रिपोर्ट:अमित कुमार सिंह
एडिटर इन चीफ(परमार टाईम्स)
parmartimes@gmail.com
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