पंजाब। पंजाब में हाल ही में एक घटना ने सभी को चौंका दिया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में पादरी बजिंदर सिंह को "मृत" बच्चे को जीवित करते हुए दिखाया गया है। यह घटना तब सामने आई जब एक दंपत्ति, जिन्होंने अपने बच्चे को डॉक्टरों द्वारा मृत घोषित कर दिया था, उसे पादरी के पास लेकर आए।
वीडियो में क्या दिखाया गया है?
वीडियो में पादरी बजिंदर सिंह को बच्चे पर प्रार्थना करते और उसे जीवित करते हुए दिखाया गया है। वीडियो में दावा किया गया है कि बच्चा बुखार के कारण मर गया था, लेकिन पादरी की प्रार्थना से वह वापस जीवित हो गया। यह दृश्य देखकर लोग स्तब्ध हैं और इसे 'चमत्कार' कह रहे हैं।
क्या यह संभव है?
इस घटना को लेकर समाज में दो तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं।
आस्थावादी दृष्टिकोण: पादरी के समर्थकों का मानना है कि यह ईश्वर की शक्ति का प्रमाण है। वे इसे प्रार्थना और विश्वास की जीत मानते हैं।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण: डॉक्टर और विशेषज्ञ इसे पूरी तरह से खारिज कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर बच्चा वास्तव में मृत था, तो उसे वापस जीवित करना मेडिकल साइंस के अनुसार असंभव है।
पाखंड या सच्चाई?
कई लोगों ने इसे "धोखा" करार दिया है और सवाल उठाए हैं कि क्या यह वीडियो मात्र प्रचार के लिए बनाया गया था। धार्मिक चमत्कारों का उपयोग अक्सर भोले-भाले लोगों को प्रभावित करने और आर्थिक लाभ उठाने के लिए किया जाता है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
यह घटना सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई है। जहां कुछ लोग पादरी की प्रशंसा कर रहे हैं, वहीं अन्य इसे पाखंड मानकर इसकी आलोचना कर रहे हैं।
क्या होनी चाहिए जांच?
ऐसी घटनाओं में सच्चाई का पता लगाने के लिए गहराई से जांच होनी चाहिए। अगर यह चमत्कार है, तो इसे वैज्ञानिक और धार्मिक दृष्टिकोण से समझाने की जरूरत है। अगर यह धोखा है, तो जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
इस घटना ने न केवल आस्था बनाम विज्ञान की बहस को हवा दी है, बल्कि समाज में फैली अंधविश्वास की जड़ों को भी उजागर किया है। क्या यह वास्तव में चमत्कार था या केवल प्रचार की एक अनोखी चाल? यह सवाल अब हर किसी के मन में है।
आपकी राय क्या है?
क्या आप इस घटना को एक चमत्कार मानते हैं या इसे धोखा? अपने विचार हमारे साथ साझा करें।
देखें वीडियो 👇
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फाइल फोटो |
रिपोर्ट:अमित कुमार सिंह
एडिटर इन चीफ(परमार टाईम्स)
parmartimes@gmail.com
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