रांची। झारखंड पुलिस के लिए चुनौती बना कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू आखिरकार पुलिस मुठभेड़ में मारा गया. यह घटना मंगलवार की सुबह पलामू के चैनपुर के अंधारी ढोडा में हुई है. बताया जा रहा है कि लॉरेंस बिश्नोई का करीबी अमन साहू को रांची पुलिस की टीम पूछताछ के लिए रायपुर से रांची ला रही थी.
तभी पुलिस की गाड़ी पलामू के चैनपुर इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गई. दुर्घटना के बाद मुठभेड़ शुरू हो गई और साहू मारा गया. इस एनकाउंटर के बाद अब एक शख्स की काफी चर्चा हो रही है. वो और कोई नहीं बल्कि झारखंड पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रमोद कुमार सिंह उर्फ पीके हैं. जी हां, इन्होंने ही अमन साहू को ढेर कर दिया.
पहले ही थी पुलिस को आशंका
बताया जा रहा है कि पुलिस को पहले से आशंका थी कि रास्ते में अमन साहू या उसके साथी कुछ न कुछ गड़बड़ कर सकते हैं. ऐसे में साहू को रायपुर से रांची लाने की जिम्मेदारी प्रमोद कुमार सिंह को दी गई थी. झारखंड पुलिस ने ही उन्हें साहू को लाने के लिए भेजा था. बताया जा रहा है कि अमन सिंह जब पुलिस की गिरफ्त से भागने की कोशिश कर रहा था, तब जांबाजी से प्रमोद सिंह ने अमन को मार गिराया. प्रमोद कुमार एटीएस में डीएसपी पद पर कार्यरत है.
कौन हैं प्रमोद कुमार सिंह?
प्रमोद कुमार सिंह वैसे किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. वह झारखंड पुलिस के जाने माने एनकाउंटर स्पेशलिस्ट हैं. उन्होंने पहले भी कई कुख्यात अपराधियों को उनकी सही रास्ता दिखाई है. उनकी एक कामयाबी तो साल 2022 की है. 2022 में धनबाद के बैंक मोड़ स्थित मुथूट फाइनेंस में डकैती की कोशिश हुई थी. तब पीके ने अकेले ही अपराधियों का एनकाउंटर किया था. इस घटना में सभी अपराधी मारे गए थे. उस समय यह मुठभेड़ काफी चर्चाओं में रही थी.
पोस्टर चिपकाकर दहशत फैलाते थे, फिर..
इससे पहले, मार्च 2006 में जब नावाडीह थाना क्षेत्र का ऊपरघाट इलाका उग्रवादियों के लिए सेफ जोन माना जाता था, तब बोकारो के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक प्रिया दुबे ने प्रमोद कुमार सिंह को नावाडीह थाना का प्रभारी नियुक्त किया था. उस समय यह क्षेत्र माओवादी गतिविधियों से ग्रस्त था, जहां नक्सली जन अदालतें लगाते, विध्वंसक घटनाओं को अंजाम देते और जगह-जगह पोस्टर चिपकाकर दहशत फैलाते थे. प्रमोद सिंह की रणनीति की वजह से कई हार्डकोर नक्सलियों को गिरफ्तार किया जा सका था. इसके अलावा, उन्होंने पुल-पुलियों के नीचे छिपाकर रखे गए कई लैंडमाइंस बरामद कर नक्सलियों की साजिश नाकाम कर दी थी.
केवल 5 महीने में ही पैदा कर दिया था खौफ
नवाडीह में अपने कार्यकाल के केवल 5 महीनों में प्रमोद कुमार सिंह ने ऊपरघाट के चेचरिया जंगल में माओवादियों के एक बंकर का भंडाफोड़ किया था. यहां से बड़ी मात्रा में हथियार, गोलियां और अन्य सामग्री बरामद की गई थीं. इस दौरान एक माओवादी को गिरफ्तार भी किया गया था. इस कार्रवाई से बौखलाए नक्सलियों ने कंजकिरो की नई बस्ती के पास एक बड़ी विध्वंसक घटना को अंजाम दिया था, लेकिन इसके बावजूद प्रमोद कुमार सिंह रुके नहीं बल्कि उन्होंने उग्रवादियों की धर-पकड़ और तेज कर दी थी.
दिसंबर 2006 में उनका ट्रांसफर बोकारो पुलिस लाइन कर दिया गया था. लेकिन 5 जून 2007 को उन्हें फिर से नावाडीह थाना प्रभारी बनाया गया. इस बार उन्होंने सड़क लूट के लिए कुख्यात 15 माइल जंगल में एक अपराधी को एनकाउंटर में मार गिराया था.
एक बार फिर चर्चाओं में
अब एक बार अमन साहू का एनकाउंटर करके चर्चाओं में आ गए हैं. प्रमोद कुमार सिंह उर्फ पीके पहले पलामू में भी तैनात रहे हैं. वे सन् 1994 बैच के सब-इंस्पेक्टर थे. चैनपुर में थाना प्रभारी भी रहे हैं. प्रमोशन के बाद अब वे एटीएस में डीएसपी हैं. थाना प्रभारी रहते हुए भी उन्होंने कई लुटेरों का एनकाउंटर किया था. जिस जगह अमन साहू का एनकाउंटर हुआ, वहां पहले भी एक डकैत मारा गया है. पलामू में अपनी तैनाती के दौरान पीके ने अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की थी. प्रमोद कुमार सिंह को 'एनकाउंटर स्पेशलिस्ट' कहा जाता है. इससे साफ पता चलता है कि ये कितने कुशल और निडर पुलिस अधिकारी हैं. साभार न्यूज 18.
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फाइल फोटो |
रिपोर्ट:अमित कुमार सिंह
एडिटर इन चीफ(परमार टाईम्स)
parmartimes@gmail.com
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