लखनऊ। वक्फ बोर्ड ऑडिट को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा ऐलान किया। राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने 1,000 करोड़ रुपये से अधिक गबन की आशंका जताई। नए वक्फ संशोधन एक्ट के तहत ऑडिट को अनिवार्य किया गया है।
यूपी में कुल 1.25 लाख वक्फ संपत्तियां, लेकिन राजस्व में भारी गिरावट।
सरकार का दावा: "अगर पैसे का सही इस्तेमाल होता तो हजारों स्कूल, अस्पताल खुल सकते थे।" वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का ऑडिट जल्द होगा शुरू
उत्तर प्रदेश सरकार ने वक्फ बोर्ड ऑडिट को लेकर बड़ा फैसला लिया है। अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने दावा किया है कि 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का गबन हुआ है और इसे लेकर व्यापक जांच की जाएगी। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि ऑडिट प्रक्रिया कब शुरू होगी।
वक्फ बोर्ड ऑडिट : ऑडिट क्यों है ज़रूरी?
मंत्री दानिश अंसारी के अनुसार, वक्फ बोर्ड से जुड़ी संपत्तियों का सही उपयोग नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा, "1.25 लाख वक्फ संपत्तियां हैं, जिनकी अनुमानित कीमत 1.25 लाख करोड़ रुपये है। इनसे हर साल 1200 करोड़ रुपये का राजस्व आना चाहिए, लेकिन वर्तमान में सिर्फ 150 करोड़ रुपये ही आ रहे हैं। इसका मतलब है कि करीब 1100 करोड़ रुपये का घोटाला हो रहा है।"
उन्होंने आगे कहा, "अगर ये पैसे सही तरीके से इस्तेमाल होते तो 800 स्कूल, 200 अस्पताल और कई कौशल केंद्र बन चुके होते। इसका सीधा फायदा गरीब मुसलमानों को मिलता।"
वक्फ संपत्तियों का वितरण और प्रबंधन
क्या वक्फ बोर्ड प्रशासनिक निकाय है? इस सवाल पर मंत्री अंसारी ने कहा, "कई लोग इसे धार्मिक संस्था समझते हैं, जबकि यह पूरी तरह प्रशासनिक निकाय है। वक्फ बोर्ड का गठन राज्य सरकार द्वारा अलग-अलग जिलों में किया जाता है, और इनका नियंत्रण कलेक्टर के पास होता है।"
यूपी में वक्फ संपत्तियां कहां ज्यादा?
यूपी में कुछ जिलों में वक्फ संपत्तियों की संख्या सबसे अधिक है:
जिला वक्फ संपत्तियां
बाराबंकी 4,927
सहारनपुर 4,851
बिजनौर 4,697
बलरामपुर 4,248
सीतापुर 4,204
जौनपुर 4,135
बरेली 3,944
मुजफ्फरनगर 3,606
बुलंदशहर 3,313
मुरादाबाद 3,295
सरकार का दावा: "संशोधन गरीब मुसलमानों के लिए है"
राज्यसभा में वक्फ संशोधन बिल को 95 के मुकाबले 128 वोटों से मंजूरी दी गई। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरन रिजिजू ने कहा कि यह बिल गरीब एवं पसमांदा मुसलमानों के लिए फायदेमंद होगा।
उन्होंने बताया कि 2006 में देशभर में 4.9 लाख वक्फ संपत्तियां थीं, जिनसे सिर्फ 163 करोड़ रुपये की आय हुई थी। 2013 में संशोधन के बावजूद यह आय सिर्फ 3 करोड़ रुपये बढ़ी। आज 8.72 लाख वक्फ संपत्तियां हैं, लेकिन आय अब भी बहुत कम है।
"खास बनाम आम मुसलमान की लड़ाई"
मंत्री अंसारी ने कहा कि इस बिल का विरोध करने वाले लोग सिर्फ अपने निजी स्वार्थ की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा, "यह खास बनाम आम मुसलमान की जंग है। जो लोग इस बिल का विरोध कर रहे हैं, वे नहीं चाहते कि गरीब मुसलमानों को इन संपत्तियों का सही लाभ मिले।"
ऑडिट से क्या उम्मीदें?
सरकार की योजना है कि ऑडिट के जरिए यह पता लगाया जाए कि पिछले कई वर्षों में वक्फ संपत्तियों से आने वाली 1100 करोड़ रुपये की राशि कहां गई। सरकार का दावा है कि सख्त कार्रवाईकी जाएगी और गबन करने वालों को कानूनी सज़ा मिलेगी।
वक्फ बोर्ड संपत्तियों के ऑडिट की घोषणा से एक बड़ा मुद्दा खड़ा हो गया है। सरकार का कहना है कि यह गरीबों के लिए एक ऐतिहासिक कदम है, जबकि विपक्ष इसे एक राजनीतिक फैसला बता रहा है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि ऑडिट के नतीजे क्या आते हैं और सरकार इस पर क्या कार्रवाई करती है। साभार आरडी।
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फाइल फोटो |
रिपोर्ट:अमित कुमार सिंह
एडिटर इन चीफ(परमार टाईम्स)
parmartimes@gmail.com
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