जौनपुर । जिले में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब लीलावती अस्पताल में डीएम की सख्ती देखी गई। बता दें कि, जौनपुर जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था में व्याप्त अनियमितताओं को लेकर जिला प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। जिले के डीएम ने शनिवार को अचानक लीलावती अस्पताल में छापेमारी की, जिससे अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया।
मरीजों को भेजा गया अस्पताल
छापेमारी के दौरान जब डीएम अस्पताल पहुंचे तो वहां डॉक्टर नदारद मिले। इस लापरवाही को देखते हुए डीएम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए तीन गंभीर मरीजों को सीएमओ निर्देश पर सीएमओ की सरकारी गाड़ी से जिला अस्पताल इलाज के लिए भेजा। इस लापरवाही को देखते हुए डीएम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए तीन गंभीर मरीजों को सीएमओ निर्देश पर सीएमओ की सरकारी गाड़ी से जिला अस्पताल इलाज के लिए भेजा।
मानवीय पहल की हर जगह सराहना
डीएम की इस मानवीय पहल की हर जगह सराहना हो रही है। उन्होंने मौके पर ही सीएमओ को निर्देश दिया कि अस्पताल में नियमित डॉक्टरों की तैनाती सुनिश्चित की जाए, कि मरीजों को समय पर समुचित इलाज मिल सके और उन्हें भटकना न पड़े। डीएम ने साफ कहा कि कोई भी सरकारी संसाधन किसी अधिकारी की निजी संपत्ति नहीं है, बल्कि वह जनता की सेवा के लिए है और हमेशा आम जनता के लिए उपलब्ध रहना चाहिए।
डीएम के कामों की हो रही सरहाना
डीएम ने खुद सीएमओ को अपनी सरकारी गाड़ी से उनके कार्यालय तक छोड़ा। इस प्रतीकात्मक कदम के जरिए उन्होंने साफ संदेश दिया कि प्रशासनिक पद पर रहते हुए भी जनसेवा सर्वोपरि है और इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। डीएम की इस कार्रवाई के बाद पूरे जिले में उनकी तारीफ हो रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसी सख्त और संवेदनशील कार्रवाई से ही सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था में सुधार संभव है। छापेमारी के बाद जिले का स्वास्थ्य विभाग भी हरकत में आ गया है और लीलावती अस्पताल में नियमित डॉक्टरों की तैनाती की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।
इस पूरी घटना ने साफ कर दिया है कि जौनपुर का प्रशासन स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर गंभीर है और जनता को बेहतर सुविधाएं देने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। डीएम की सक्रियता और संवेदनशीलता जिले के लिए प्रेरणा बन रही है। साभार डीएन।
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फाइल फोटो |
रिपोर्ट:अमित कुमार सिंह
एडिटर इन चीफ(परमार टाईम्स)
parmartimes@gmail.com
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