जौनपुर। जिला कारागार में 22 मार्च को सोनू सिंह और मंगेश यादव गुट के बीच बवाल हुआ था। इस दौरान 10 से अधिक बंदी घायल हो गए थे। इस मामले में वरिष्ठ जेल अधीक्षक वाराणसी राधाकृष्ण मिश्रा ने लापरवाही पर जेल वाॅर्डर को निलंबित कर दिया गया है।
वाॅर्डर के निलंबन की जांच भदोही के जेल अधीक्षक को सौंपी गई है। पूरे प्रकरण की जांच जिलाधिकारी की ओर से गठित दो सदस्यीय कमेटी कर रही है। जांच टीम घटना को लेकर जिम्मेदार व लापरवाह अधिकारियों व कर्मचारियों के बयान ले रही है। जिला कारागार में वर्चस्व के लिए 22 मार्च को दो गुटों में मारपीट हो गई थी। 23 मार्च को डीएम और कप्तान ने मय फोर्स जेल का निरीक्षण किया था। इसके बाद जिलाधिकारी डा. दिनेश चंद ने दो सदस्यीय जांच टीम गठित की है। इसमें एडीएम वित्त एवं राजस्व राम अक्षयबर चौहान और एसपी ग्रामीण शैलेंद्र सिंह शामिल हैं। टीम अभी जेल के अधिकारियों और कर्मचारियों से जवाब-तलब कर रही है। टीम में शामिल एक जांच अधिकारी ने बताया कि प्रथम चरण की जांच में बवाल के समय लापरवाही बरतने पर मौके पर मौजूद जेल वॉर्डर रमाशंकर यादव को निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई वरिष्ठ जेल अधीक्षक वाराणसी राधाकृष्ण मिश्रा ने की है। साथ ही निलंबन की जांच जेल अधीक्षक भदोही कर रहे हैं। बवाल के समय डिप्टी जेलर सुभाष पांडेय भी मौके पर मौजूद थे, इसको लेकर डीआईजी जेल स्तर से जांच की जा रही है। हालांकि इनके खिलाफ अभी तक किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हुई है। बवाल के बाद 25 मार्च को इस मामले में पांच बंदियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। साथ ही घटना के दूसरे दिन छह बंदियों को गैर जनपद में स्थानांतरण किया गया।
48 घंटे में देनी थी रिपोर्ट, 20 दिन से चल रही जांच-जिलाधिकारी की ओर से गठित जांच टीम को 48 घंटे में अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया था। हालांकि घटना हुए 20 दिन हो गए लेकिन जांच चल रही है। इस मामले में कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
जेल में हुए बवाल के मामले की जांच चल रही है। इसमें बयान रिकार्ड किया जा रहा है। दो लोगों को जिम्मेदार माना गया है। आगे जांच पूरी करने के बाद रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी जाएगी।- राम अक्षयबर चौहान, एडीएम वित्त एवं राजस्व। साभार ए यू।
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जिला कारागार जौनपुर, फाइल फोटो |
रिपोर्ट:अमित कुमार सिंह
एडिटर इन चीफ(परमार टाईम्स)
parmartimes@gmail.com
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