आजमगढ़। जिलाधिकारी ने निजी स्कूलों को एनसीईआरटी पुस्तकों के उपयोग का सख्त निर्देश दिया है। उत्तर प्रदेश अभिभावक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष युधिष्ठिर दूबे और महासचिव गोविंद दूबे की शिकायत के बाद उन्होंने यह कदम उठाया है।
नियम का उल्लंघन करने पर एक लाख रुपये जुर्माना लगाया जाएगा।
शिकायत में कहा गया था कि निजी स्कूल प्रबंधक और प्रकाशकों की मिलीभगत से महंगी निजी पुस्तकें थोपी जा रही हैं। इससे अभिभावकों पर आर्थिक बोझ पड़ रहा है। जिलाधिकारी रवींद्र कुमार द्वितीय ने जनपद के सभी अशासकीय सहायता प्राप्त, मान्यता प्राप्त, और निजी प्राथमिक-उच्च प्राथमिक स्कूलों के प्रबंधकों व प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया है। इसमें कहा है कि एनसीईआरटी पुस्तकों के अलावा निजी प्रकाशकों की पुस्तकें चलाना गैरकानूनी है। छात्रों को चिह्नित बुक सेलर से किताबें खरीदने के लिए बाध्य करने पर उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियम) अधिनियम, 2018 की धारा 8(10)(क) के तहत पहली बार एक लाख रुपये का जुर्माना लगेगा। जिम्मेदारी प्रबंधक और प्रधानाध्यापक की होगी। बीएसए राजीव कुमार पाठक ने बताया कि डीएम के निर्देश पर सभी विद्यालयों में एनसीईआरटी की पुस्तकों को अनिवार्य कर दिया गया है। यदि कोई विद्यालय इस आदेश का पालन नहीं करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साभार ए यू।
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रविन्द्र कुमार, डीएम आजमगढ़ |
रिपोर्ट:अमित कुमार सिंह
एडिटर इन चीफ(परमार टाईम्स)
parmartimes@gmail.com
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