गांव में बने पंचायत भवन पर लटका मिला ताला,पंचायत सहायक अनुपस्थित रहकर ले रहे हैं वेतन

गांव में बने पंचायत भवन पर लटका मिला ताला,पंचायत सहायक अनुपस्थित रहकर ले रहे हैं वेतन

आजमगढ़। प्रत्येक ग्राम पंचायत में बने पंचायत भवनों का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल रहा। पवई की चक गुलरा बस्ती और पल्हनी ब्लॉक की गिरधरपुर ग्रामसभा में बने पंचायत भवनों पर ताला लटका रहता है।

ग्रामीणों को बगैर किसी परेशानी के गांव में ही एक छत के नीचे जरूरी सुविधाएं मिल सकें इसलिए 15 से 20 लाख रुपये खर्च कर सरकार ने पंचायत भवन बनाए हैं। पंचायत सहायकों की नियुक्ति की गई लेकिन अधिकारियों की उदासीनता से पंचायत भवन में कामकाज संचालित नहीं हो पा रहे।
जिले में 22 ब्लाॅक की 1811 ग्राम पंचायतें हैं। लगभग सभी ग्राम पंचायतों में एक वर्ष से अधिक समय से पंचायत भवन बने हैं।
सभी ग्राम पंचायतों में पंचायत सहायकों की नियुक्ति की गई है। ग्राम पंचायत अधिकारी को भी पंचायत भवन में बैठने के लिए कहा गया है। कुर्सी, मेज, आलमारी, इन्वर्टर आदि उपकरण खरीदे गए लेकिन कम्प्यूटर सहित अन्य सामान प्रधानों के घरों की शोभा बढ़ा रहे हैं। वहीं, पंचायत सहायक अनुपस्थित रहकर प्रति महीने मानदेय ले रहे हैं। एक-एक ग्राम पंचायत अधिकारी के जिम्मे 15 से 20 गांवों का कार्य है। वे कहीं न जाकर ब्लॉक पर ही रहकर कामकाज निपटाते हैं। इतना ही नहीं परिवार रजिस्टर की नकल लोगों को तभी मिल पाती है जब वे दो से चार दिन तक ब्लॉक के चक्कर काटते हैं।
आय, जाति व निवास प्रमाणपत्र के लिए जनसेवा केंद्र जाना पड़ता है

चक्रपानपुर। विकास खंड पल्हनी के गिरधरपुर गांव में बने पंचायत भवन में सुबह करीब 10.30 बजे ताला लटकता मिला। गांव के रामचरन ने बताया कि ग्रामसभा के पंचायत भवन में अक्सर ताला लगा रहता है। परिवार रजिस्टर की नकल जैसे कार्यों के लिए पंचायत मित्र से फोन पर संपर्क करना पड़ता है, जबकि आय, जाति व निवास प्रमाणपत्र बनवाने के लिए ग्रामीणों को जन सेवा केंद्र का रुख करना पड़ता है।

बंद मिला ताला, कर्मचारी का पता नहीं, ब्लाॅक पर जाना पड़ता है

पवई। विकासखंड पवई के बस्ती चक गुलरा के पंचायत भवन में 11.25 बजे ताला बंद मिला। पंचायत भवन प्राथमिक विद्यालय परिसर में स्थित है, वहां दोपहर के समय सभी कमरों में ताला बंद मिला। बरामदे में कुछ लोग आराम करते या सोते हुए दिखे, जबकि अंदर सभी कार्यालयी दरवाजों पर ताले लटके थे। ग्रामीणों ने बताया कि भवन कभी-कभार खुलता है और कर्मचारियों की जानकारी नहीं है। ऐसे में ग्रामीणों को किसी भी कार्य के लिए ब्लाॅक का चक्कर लगाना पड़ता है।
पंचायत भवन को प्रत्येक कार्य दिवस में खोलना है। सभी को 10 से 12 बजे तक हर हाल में बैठना है। यदि नहीं खोलेंगे तो संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए सभी सचिवों की बैठक बुलाई गई है। बैठक कर संबंधित को इसके लिए निर्देश दिए जाएंगे। जिससे आम जनता को पंचायत भवनों में मिलने वाली सुविधाओं का लाभ मिल सके। - पवन कुमार, डीपीआरओ आजमगढ़। साभार ए यू।

फाइल फोटो 

रिपोर्ट:अमित कुमार सिंह
एडिटर इन चीफ(परमार टाईम्स)
parmartimes@gmail.com

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