आजमगढ़। जनपद पुलिस अब आरोपियों को वीआईपी ट्रीटमेंट दे रही है। वह लग्जरी गाड़ियों से आरोपियों मेडिकल मुआयना कराने के साथ ही उन्हें जेल तक भी पहुंचा रही है। वहीं अधिकारियों को इस बात की जानकारी नहीं है।
अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच कराएंगे। बताते चलें कि थाना कोतवाली में एक व्यक्ति ने एफआईआर दर्ज कराते हुए बताया कि अभियुक्त मो. हसन रजा, जो पूर्व से उसका पारिवारिक परिचित था, ने 21 अप्रैल 2025 को लखनऊ की एक कीमती जमीन बेचने के नाम पर उसे फर्जी दस्तावेज दिखाए। दो गवाहों की मौजूदगी में 5 लाख रुपये बतौर बयाना हसन रजा ने लिए। तय हुआ कि बाकी रकम बाद में अदा कर रजिस्ट्री करवा ली जाएगी। लेकिन तय समय पर न तो रजिस्ट्री हुई और न ही आरोपी ने संपर्क साधा।
जब उसने जमीन के वास्तविक मालिक से संपर्क किया तो उसने जमीन बेचने से इन्कार कर दिया। उसने हसन रजा से जब पैसे वापस मांगे तो उसने पैसे देने से इन्कार करते हुए जान से मारने की धमकी दी। मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस ने शनिवार को आरोपी को हसन रजा को हाफिजपुर चौराहे से गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद पुलिस आरोपी की आवभगत में जुट गई। पहले उसे सफारी गाड़ी से ले जाकर मंडलीय अस्पताल में मेडिकल कराया गया। मेडिकल के बाद आरोपी को सफारी गाड़ी से ही कारागार पहुंचाया। कारागार में भी जहां आमजन की गाड़ी गेट के बाहर खड़ी होती है इस गाड़ी को गेट के अंदर तक ले जाया गया। सीओ सिटी शुभम तोदी ने बताया कि इस मामले की हमें जानकारी नहीं है। अगर ऐसा है तो हम इसकी जांच कराएंगे। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
2019 में ऐसे ही एक मामले में पुलिस कर्मियों पर हो चुकी है कार्रवाई
2019 में रानी की सराय थाना क्षेत्र में सपा नेता की हत्या मामले में आरोपी एक सपा नेता को भी पुलिस ने इसी तरह से वीआईपी ट्रीटमेंट दिया था। पुलिस आरोपी सपा नेता को उनकी ही गाड़ी से कोर्ट ले गई थी। इसकी जानकारी मिलने पर तत्कालीन एसपी ने पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया था। साभार ए यू।
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फाइल फोटो |
रिपोर्ट:अमित कुमार सिंह
एडिटर इन चीफ(परमार टाईम्स)
parmartimes@gmail.com
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