लखनऊ। उत्तर प्रदेश की ग्रामीण जनता के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। अब उन्हें आधार कार्ड बनवाने या उसमें संशोधन कराने के लिए शहरों की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि ग्राम पंचायत सचिवालयों में आधार से संबंधित सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे गांव के लोगों को समय, पैसा और मेहनत तीनों की बचत होगी।
हर पंचायत में पहुंचेगी डिजिटल सेवा
प्रदेश के पंचायती राज विभाग को इस सेवा को शुरू करने के लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के साथ एमओयू (MoU) साइन करने की अनुमति दे दी गई है। विभाग के निदेशक अमित कुमार सिंह के अनुसार, इस सुविधा को पहले चरण में 2,500 ग्राम पंचायतों में शुरू किया जाएगा। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से राज्य की सभी 57,694 पंचायतों में इसका विस्तार किया जाएगा।
पंचायत सहायक होंगे जिम्मेदार
इस योजना के तहत ग्राम पंचायत सचिवालयों में आधार सेवा केंद्र बनाए जाएंगे, जहां पंचायत सहायक आधार कार्ड बनवाने और अपडेट करने का कार्य करेंगे। इन्हें इस कार्य के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि प्रक्रिया आसान और सही तरीके से हो सके। इसके लिए जरूरी तकनीकी उपकरण और सॉफ्टवेयर भी पंचायत सचिवालयों में लगाए जाएंगे।
ग्रामीणों को क्या मिलेगा लाभ?
अब गांव वालों को आधार कार्ड बनवाने के लिए ब्लॉक या तहसील नहीं जाना पड़ेगा। लंबी कतारों और इंतजार से छुटकारा मिलेगा। नाम, पता, जन्मतिथि जैसी जानकारियों में सुधार आसानी से हो सकेगा। गांव के लोग सरकारी योजनाओं का लाभ जल्दी और बिना झंझट उठा सकेंगे। पंचायत सहायकों को तकनीकी काम में शामिल करके उन्हें रोजगार का अवसर मिलेगा।
आधार से जुड़ी योजनाओं में मिलेगी तेजी
चूंकि आजकल सरकारी योजनाओं का लाभ आधार से जुड़ा हुआ है, चाहे वह राशन कार्ड हो, पेंशन योजना, किसान सम्मान निधि या जनधन खाता। ऐसे में अगर ग्रामीणों के पास सही और अपडेटेड आधार कार्ड होगा, तो उन्हें योजनाओं का लाभ मिलने में कोई अड़चन नहीं आएगी। साभार एचएन।
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सीएम योगी आदित्यनाथ, फाइल फोटो |
रिपोर्ट:अमित कुमार सिंह
एडिटर इन चीफ(परमार टाईम्स)
parmartimes@gmail.com
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