लखनऊ । त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए डीएम की अध्यक्षता में गठित चार सदस्यीय टीम दो मार्च को सीटों के आरक्षण की अनंतिम सूची प्रकाशित करेगी। इस सूची को लेकर आपत्तियां दर्ज कराने के लिए लोगों के पास छह दिन का मौका रहेगा। इसके बाद आपत्तियों का निस्तारण और शासन की मुहर लगने के बाद 15 मार्च को आरक्षण की अंतिम सूची का प्रकाशन किया जाएगा। पंचायती राज विभाग आरक्षण सूची के प्रकाश की तैयारियों में जुटा है।
जिला पंचायत अध्यक्ष का पद एससी महिला के लिए आरक्षित हो गया है। इसकी औपचारिक सूचना भी जिलाधिकारी ने जारी कर दी है। अब ग्राम व क्षेत्र पंचायतों के साथ जिला पंचायत सदस्यों का आरक्षण जिला स्तरीय कमेटी तय करेगी। जिला मुख्यालय पर इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है। ग्राम पंचायत और क्षेत्र पंचायत सदस्य पद के लिए विकास खंड स्तर पर कार्रवाई चल रही है। इसके लिए डीएम अमित कुमार सिंह की अध्यक्षता में चार सदस्यीय टीम गठित की गई है।
टीम में सीडीओ शशिकांत त्रिपाठी, अपर मुख्य अधिकारी एलएन खरे तथा डीपीआरओ गोपाल जी ओझा को सदस्य सचिव बनाया गया है। जिला पंचायत राज अधिकारी ने बताया कि ग्राम पंचायत और क्षेत्र पंचायत सदस्य पद के लिए वर्गवार आबादी के हिसाब से आरक्षण किया जा रहा है। आरक्षण के प्रस्ताव विकास खंडों से खंड विकास अधिकारी और सहायक विकास अधिकारी जिला मुख्यालय को भेजेंगे।
प्रस्तावों को जिला स्तरीय कमेटी नियमों की कसौटी पर परखेगी। इसके बाद इन्हें अंतिम रूप दिया जाएगा। बताया कि दो मार्च तक आरक्षण की अनंतिम सूची जारी कर दी जाएगी। इसके बाद तीन से आठ मार्च तक लोग आपत्ति दर्ज करा सकेंगे। आपत्तियों का निस्तारण 10 से 12 मार्च तक किया जाएगा। आरक्षण की अंतिम सूची 14 मार्च को लखनऊ भेजी जाएगी। लखनऊ से पंचायती राज निदेशालय 15 मार्च अंतिम सूची जारी करेगा।
जिला पंचायत अध्यक्ष का पद अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित होने से दिग्गज दावेदारों के साथ ही राजनीतिक दलों का समीकरण बिगड़ गया है। सत्ताधारी भाजपा से लेकर सपा, बसपा और कांग्रेस ने नए सिरे से दावेदारों की तलाश शुरू कर दी है। सभी की निगाहें ‘जिताऊ’ और ‘टिकाऊ’ उम्मीदवार पर हैं।
खुद नहीं लड़े तो पत्नी, भाभी, मित्र व चहेतों को लड़ाएंगे
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर सालों से तैयारी करने वाले अपनी मेहनत जाया नहीं होने देना चाहते। आरक्षण कुछ भी हो, वे मैदान में जरूर होंगे। आरक्षण में बदलाव से खुद न लड़ पाए तो परिजनों, रिश्तेदारों या चहेतों को चुनाव मैदान में उतारेंगे। ये सिर्फ मोहरे होंगे, दांव दिग्गज चलेंगे। जीत हासिल होने पर इन्हीं की हां या न चलेगी। सबसे ज्यादा मशक्कत ग्राम पंचायत चुनाव को लेकर है। ग्राम पंचायतों में बड़ी संख्या में दावेदार हैं। इन्होंने आरक्षण की हर स्थिति को लेकर तैयारी कर रखी है।
खंड विकास अधिकारियों का प्रशिक्षण आज
जिला पंचायत राज अधिकारी व जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी लखनऊ में दो दिवसीय प्रशिक्षण लेकर बृहस्पतिवार को जिला मुख्यालय लौटे। इसके बाद जिला स्तर पर बीडीओ को प्रशिक्षण दिया जाएगा। डीपीआरओ गोपाल जी ओझा ने बताया कि 19 फरवरी को बीडीओ प्रशिक्षित किए जाएंगे। साभार अमर उजाला
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
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