लगभग दो दशक बाद, हम कुछ ही सेकंड में दुनिया भर में किसी से बात करने के लिए काबिल हो गए क्योंकि मोबाइल ने पूरी दुनिया में क्रांति ला दी. कनेक्टिविटी में सुधार मोबाइल फोन के कारण संभव हुआ है जो सिम कार्ड द्वारा संचालित होते हैं. सिम कार्ड को सक्रिय करने से आपको एक मोबाइल नंबर मिलता है और इसका उपयोग वह व्यक्ति कर सकता है जो आपसे कॉन्टेक्ट करने के लिए फोन कॉल करना चाहता है. भारत में एक मोबाइल नंबर में 10 अंक होते हैं.
इसी तरह अगर आप भारत से हैं तो किसी समय आपने अपने मोबाइल नंबर के शुरुआती अंकों के बारे में जरूर सोचा होगा. आपके मोबाइल नंबर के शुरुआती अंक +91 से शुरू होते हैं (जो कि भारत का कंट्री कोड है) और उसके बाद 6, 7, 8 या 9 जैसे अंक आते हैं. इसमें आपने यह भी सोचा होगा कि शुरुआती अंक 0, 1 से क्यों शुरू नहीं होते या फिर शुरुआत में 2, 3, 4, या 5 क्यों नहीं होते. हमने इसके लिए यहां कुछ कारण दिए गए हैं कि आखिर क्यों भारत में मोबाइल नंबर केवल 6, 7, 8, और 9 के अंकों से शुरू क्यों होता है.
1 से शुरू होने वाले अंकों वाले टेलीफोन नंबर आमतौर पर सरकारी सेवाओं से जुड़े होते हैं. सरकारी सेवाओं में पुलिस, अग्निशमन सेवाएं, एम्बुलेंस आदि शामिल हैं. इस कारण से, भारत में व्यक्तिगत नंबर 1 से शुरू नहीं हो सकते हैं.
ये नंबर होते हैं लैंडलाइन में इस्तेमाल
यदि आप किसी सरकारी सेवा का लाभ उठाना चाहते हैं तो आपको 1 से शुरू होने वाला एक नंबर डायल करना होगा. वहीं दूसरी ओर 2, 3, 4 और 5 से शुरू होने वाले नंबर हैं. गौरतलब है कि 2, 3, 4 और 5 से शुरू होने वाले नंबरों का इस्तेमाल लैंडलाइन फोन द्वारा किया जाता है. यही कारण है कि इन अंकों वाले मोबाइल नंबरों को मोबाइल नंबर के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है.
0 का यहां होता है इस्तेमाल
नंबर 0 का उपयोग लैंडलाइन नंबरों के लिए एसटीडी कोड के रूप में किया जाता है. इसलिए, इसका उपयोग भारत में मोबाइल नंबरों के लिए नहीं किया जा सकता है. तो उम्मीद करते हैं आपको अब इसके बारे में जानकारी मिल गयी होगी कि आखिर भारत में 0, 1, 2, 3, 4 और 5 नंबर से मोबाइल नंबर क्यों होते हैं.
हालांकि यह जानकारी आधिकारिक तो नहीं है लेकिन हम इन्हीं कारणों से यह मान सकते हैं कि भारत में मोबाइल के शुरुआत में 0 से 5 तक की संख्या नहीं होती है बल्कि 6 से 9 तक के अंक होते हैं. लेकिन इसके अलावा अन्य कोई भी कारण दिखता नहीं है. साभार एबीपी न्यूज।
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रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
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