आजमगढ़। अपर सत्र न्यायाधीश बीडी भारती की अदालत ने हत्या के सात आरोपियों को दोषी पाते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई। साथ ही प्रत्येक को 21-21 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया।घटना कंधरापुर थाना के हरिहरपुर गांव की है।
हरिहरपुर गांव निवासी पुजारी यादव ने स्थानीय थाने में 15 फरवरी 2015 को आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमे के अनुसार गांव के जयमंगल यादव से पुरानी रंजिश चल रही थी। इसी रंजिश को लेकर घटना की सुबह लगभग सात बजे जयमंगल यादव पुत्र कन्हैया यादव,अशोक यादव उर्फ जंगली पुत्र कन्हैया यादव, रामसमुझ यादव पुत्र चंद्रदीप यादव, रमेश यादव पुत्र राम बचन यादव, अंबिका यादव पुत्र बुद्धू यादव, हरिश्चंद्र यादव पुत्र रामबचन यादव और हरिओम पुत्र चंद्रजीत यादव लाठी-डंडा और तमंचा से लैस होकर वादी मुकदमा पुजारी यादव के दरवाजे पर जान से मारने की नियत से चढ़ आए। सभी हमलावरों ने पुजारी यादव के चाचा रामनाथ यादव को लाठी-डंडों से बुरी तरह मारने लगे। रामनाथ को बचाने जब संदीप और अरविंद मौके पर पहुंचे तो हमलावरों ने उन्हें भी बुरी तरह से मारा। इस हमले में चोट लगने से रामनाथ की मौके पर ही मौत हो गई। इस मामले में स्थानीय थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर सभी सातों आरोपियों के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया। मुकदमे के परीक्षण के दौरान अभियोजन पक्ष की तरफ से पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता जगदंबा पांडेय और विक्रम पटेल ने इस मुकदमे के वादी पुजारी यादव, संदीप यादव, आशा, अरविंद यादव, चंदन यादव, डॉ अनूप कुमार सिंह, डॉ ओम प्रकाश, डॉ केके बरनवाल, इंस्पेक्टर रमेश कुमार सिंह, सब इंस्पेक्टर दिनानाथ सिंह, इंस्पेक्टर अजीत कुमार सिंह, विपुल सिंह को बतौर साक्षी अदालत में पेश किया और तर्कों को रखा। अदालत ने अभियोजन और बचाव पक्ष के तर्कों को सुनने के बाद आरोपियों को दोषी पाया और सजा का निर्धारण किया। साभार ए. यू।
सांकेतिक चित्र |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
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