गाजीपुर । जिला बेसिक शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार की शिकायत पर एक-एक कर तीन खंड शिक्षा अधिकारियों पर कार्रवाई हुई है, लेकिन भ्रष्टाचार निवारण संगठन अपराध अनुसंधान टीम के हाथों रिश्वत लेते पकड़े गए बाबू पर महकमा मेहरबान है। इसके अलावा भी कई बाबू वर्षों से जमे हैं।
जिले में सबसे पहले खंड शिक्षा अधिकारी करंडा रमेश श्रीवास्तव के खिलाफ शिकायत का संज्ञान लेते हुए शासन ने निलंबन की कार्रवाई की। रमेश श्रीवास्तव को डायट जौनपुर से संबद्ध कर दिया। आरोप था कि नियमविरुद्ध अपने बेटे के नाम चेक काटकर भुगतान लेने वाली एक शिक्षिका की सेवानिवृत से पहले एक शिक्षक ने बीईओ के नाम से पैसे मांगे थे। बीएसए के निदेशालय के पत्र भेजने के बाद शासन ने कार्रवाई की। दूसरी कार्रवाई सदर क्षेत्र की बीईओ प्रीति गोयल के खिलाफ शिकायत का संज्ञान लेते हुए डीएम ने उनका तबादला रेवतीपुर ब्लाक में कर दिया था। साथ ही एसडीएम को जांच सौंपी थी। हालांकि प्रीति गोयल के खिलाफ शासन को डीओ लेटर (अर्द्धशासकीय पत्र) नहीं भेजा गया है। उनपर भी गंभीर आरोप था। 1996 में रिश्वत लेते पकड़े गए बाबू को बना दिया स्टेनो
नौ दिसंबर 1996 को मुहम्मद इबरार खां निवासी उसिया ने भ्रष्टाचार निवारण संगठन के पुलिस उपाधीक्षक को पत्र देकर बताया कि अनौपचारिक शिक्षा के अंशकालीक अनुदेशक पद के लिए ग्राम सभा ने उसका चयन कर परियोजना अधिकारी भदौरा को भेज दिया है। चयन पटल का कार्य नीरज सिंह के पास है, जो बिना रुपये लिए नियुक्ति आदेश नहीं कराते हैं। मेरा नियुक्ति आदेश कराने के लिए एक हजार रुपये रिश्वत मांग रहे है। मैं रिश्वत नहीं देना चाहता हूं। मगर उन्हें रिश्वत लेते पकड़वाना चाहता हूं। इसलिए एक हजार रुपये रिश्वत देने को तैयार हूं। नीरज सिंह को रिश्वत लेते पकड़ने की कृपा करें। इसके बाद 11 दिसंबर 1996 को ही भ्रष्टाचार निवारण संगठन अपराध अनुसंधान विभाग वाराणसी के तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक कैलाश उपाध्याय की टीम ने रंगे हाथों एक हजार रुपये रिश्वत लेते पकड़ा था। मरदह बीईओ को हटा डायट से किया अटैच
बीएस ने बीईओ मरदह डा. कल्पना को डायट से संबद्ध कर दिया है। बीएसए ने आदेश में कहा कि डीएम के निर्देश पर बीईओ बिरनो ओम प्रकाश दूबे को बीईओ मरदह का अतिरिक्त कार्य देखेंगे। एक शिक्षक नेता ने बीईओ मरदह के खिलाफ आइजीआरएस पोर्टल पर शिकायत की थी, जिसके बाद शासन को डीओ लेटर लिखा गया था। शासन के विशेष सचिव ने उनका तबादला गैरजनपद करने के साथ ही विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। शासन से अभी गैरजनपद का आदेश नहीं आने पर बीएसए ने डायट से संबंद्ध कर दिया। स्टेनो के पकड़े जाने की जानकारी नहीं थी। स्टाफ की कमी के कारण उन्हें स्टेनो बना दिया गया है बीएसए हेमंत राव। साभार जेएनएन।
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फाइल फोटो |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
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