एक ही दिन में तीन हत्याओं से लोगों में दहशत,पुलिस की भूमिका सिर्फ कार्रवाई तक सीमित

एक ही दिन में तीन हत्याओं से लोगों में दहशत,पुलिस की भूमिका सिर्फ कार्रवाई तक सीमित

आजमगढ़ । जिले में एक के बाद एक आपराधिक घटनाओं ने बीट पुलिसिग पर सवाल खड़ा कर दिया है। गांवों की गतिविधियों की जानकारी पुलिस तक तब पहुंच पा रही है जब खूनी संघर्ष हो चुका होता है। बीट पर सिपाहियों के नहीं जाने से मामूली बात पर भी जमकर लाठी-डंडे व धारदार हथियार चल जा रहे हैं और कभी-कभी मारपीट में लोगों को जान गंवानी पड़ रही है।

बुधवार की रात मारपीट में किशोर समेत तीन लोगों की जान चली गई। पुलिस की भूमिका कार्रवाई तक सीमित रह गई है, वह भी तब जब मुकदमा नामजद दर्ज होता है। कप्तानगंज के कोइनहां बाजार में बुधवार की देर शाम साढ़े सात बजे पहले बाल कटवाने को लेकर हुए विवाद में नाई ने गांव के ही शिवशंकर के गले में कैंची घोंप दी, जिससे युवक की जान चली गई। पुलिस ने आरोपित परवेज का चालान कर दिया। जहानागंज के अमदही गांव में एक परिवार के खिलाफ टिप्पणी के बाद दोनों पक्षों में जमकर लाठी-डंडे और बल्लम चले। इसमें बल्लम से हमले में सूरज यादव नाम के किशोर की जान चली गई, जबकि 10 लोग घायल हो गए। पुलिस ने चतुरी की तहरीर पर परदेसी यादव, राधेश्याम, रोहित, धर्मेंद्र के अलावा अज्ञात महिलाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। तीसरी घटना गंभीरपुर क्षेत्र के फैजुल्लापुर गांव में बुधवार की रात नौ बजे हुई। रास्ते से पिकअप हटाने से इन्कार करने पर दयाराम पर धारदार हथियार से हमला कर दिया गया। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। अभी कुछ दिनों पहले ही बीट पुलिसिग को मजबूत करने की पहल की गई थी। साभार जेएनएन।

फाइल फोटो

रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com

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