लखनऊ। अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या में शामिल तीन हमलावरों में से एक मोहित उर्फ शनि 1990 के दशक के हाई-प्रोफाइल डॉन श्रीप्रकाश शुक्ला का कट्टर प्रशंसक है। उसकी उम्र मुश्किल से 23 है।
उसके नाम पर 14 मामले दर्ज हैं और वह दोनों हाथों से समान सटीकता के साथ शूट करने की अपनी क्षमता के लिए कुख्यात है।
पुलिस के मुताबिक, मोहित ने ही अशरफ पर अत्याधुनिक तुर्की पिस्तौल से गोलियां चलाईं। उस पर जानलेवा हमले और डकैती के तीन मामलों और आर्म्स एक्ट के तहत नामजद है। वह 2021 में चित्रकूट जेल में बंद था। उनके बड़े भाई पिंटू सिंह ने मीडियाकर्मियों को बताया कि शनि 12 साल पहले घर छोड़कर चला गया था और तब से उनसे मिलने नहीं गए। उसने कहा कि उसे हत्या में अपने भाई की संलिप्तता के बारे में टेलीविजन समाचार के माध्यम से पता चला। स्थानीय लोगों ने कहा कि मोहित कभी पढ़ाई में नहीं था और उसने केवल 8वीं कक्षा पास की है।
पिंटू ने कहा, "मेरे पिता जगत सिंह का 10 साल पहले निधन हो गया था, जिसके बाद मेरी मां ने भी हमें छोड़ दिया। हमारे पास कोई जमीन या संपत्ति नहीं है। मेरे पिता की मृत्यु के तुरंत बाद, परिवार ने खुद को शनि से दूर कर लिया।" उन्होंने कहा, "मेरे पास अब उनकी बहुत धुंधली यादें हैं। हम तब किराए के मकान में रहते थे, उन्हें पढ़ाई में कोई दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन बंदूकों में उनकी दिलचस्पी थी।" पिंटू के पास चाय और समोसे का एक छोटा कियोस्क है।
स्थानीय लोगों ने मीडियाकर्मियों को बताया कि मोहित 10 साल की उम्र से साइबर कैफे जाता था और अपराधियों खासकर श्री प्रकाश शुक्ला का प्रिंटआउट लेता था। उन्हें पार्टियों में शामिल होना और किसी भी सामाजिक सभा में शामिल होना पसंद नहीं था। क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने बताया कि शनि क्रूड बम बनाने में भी माहिर था। उसने तीन बार देसी बम फेंके थे। उसके ऊपर ड्रग पेडलिंग और हथियारों की आपूर्ति करने वाले रैकेट में शामिल होने के दो मामले भी हैं। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि वे उन जेलों की जांच कर रहे हैं जहां शनि ठहरे हुए हैं। साभार डीएन 360.
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फाइल फोटो |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
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