खुद को उपनिरीक्षक बताकर व शादी का झांसा देकर ठगी करने वाले आरोपी एवं उसके तीन सहयोगियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

खुद को उपनिरीक्षक बताकर व शादी का झांसा देकर ठगी करने वाले आरोपी एवं उसके तीन सहयोगियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

आजमगढ़। सोशल मीडिया पर खुद को उपनिरीक्षक बताकर व शादी का झांसा देकर ठगी करने वाले को उसके तीन सहयोगियों के साथ पुलिस ने गिरफ्तार किया। चारों की गिरफ्तारी शहर कोतवाली व मुबाकरपुर थाना पुलिस ने अलग-अलग स्थानों से की।

पकड़ा गया गैंग अंतर्जनपदीय गैंग है, जिसके खिलाफ प्रयागराज व लखनऊ जैसे बड़े शहरों में भी मुकदमे दर्ज हैं। चारों आरोपी मूल रूप से बलिया के निवासी हैं।
पुलिस लाइन में सोमवार को एएसपी सिटी शैलेंद्र लाल ने बताया कि जीवनसाथी डॉट कॉम, इंस्टाग्राम जैसे सोशल नेटवर्किंग साइटों के माध्यम से एक युवक खुद को सब इंस्पेक्टर बता कर दोस्ती करता और फिर उनके किसी न किसी माध्यम से पैसा आदि लेकर फरार हो जाता था। सोमवार को सूचना मिली कि वह बलिया की तरफ से आनेवाला है। इस पर मुबारकपुर व शहर कोतवाली पुलिस ने जगह-जगह नाकेबंदी कर ली।
मुबारकपुर थाना क्षेत्र में फर्जी उपनिरीक्षक धीरज सिंह निवासी दुधैला थाना सहतवार जनपद बलिया को पकड़ा गया। जो पूरी तरह से पुलिस की वर्दी में था। इसके साथ गाड़ी चला रहा सहयोगी पंकज सिंह निवासी नौकागांव थाना रेवती जिला बलिया को भी गिरफ्तार किया गया। वहीं शहर कोतवाली पुलिस ने उसके के दो सहयोगियों राजेश निवासी श्रीनगर थाना बैरिया जनपद बलिया व प्रवीण प्रताप सिंह निवासी नौकागांव थाना रेवती जनपद बलिया को बैठौली पुलिया के पास से पकड़ा।
एसपी सिटी ने बताया कि यह पूरा गैंग है जो जीवनसाथी डॉट कॉम पर लड़कियों से शादी का प्रस्ताव प्राप्त करने के बाद मेलजोल बढ़ाता था और फिर मां की तबीयत खराब होने समेत अन्य तरह की बहाने बना कर पैसा वसूल कर फरार हो जाता था। फर्जी दरोगा धीरज सिंह पूर्व में प्रयागराज व लखनऊ में भी गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके बाद भी वह इस फर्जीवाड़े में अपने तीन साथियों के साथ लगा हुआ था। आरोपियों के पास से एक उपनिरीक्षक की वर्दी मय नेमप्लेट, परिचय पत्र, लोगो, मोनोग्राम स्टार के अलावा तमंचा कारतूस, एक बैगनार कार व एक स्वीफ्ट कार भी बरामद किया गया है। बैगनार पर फर्जी नंबर प्लेट लगी थी।

ऐसे देता था घटनाओं को अंजाम
आजमगढ़। पुलिस की वर्दी पहन कर इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपने आप को धीरज सिंह एसआई बताता है। इतना ही नहीं वह फर्जी नेमप्लेट व पुलिस के मेडल लगाता था। पुलिस वालों और नेताओं के साथ फोटो प्रोफाईल पर डालता था। वर्दी में ही विभिन्न दफ्तरों व समारोह में शामिल होता था। शादी के प्रपोजल आने पर संबंधित से नजदीकी बढ़ाता है और फिर मां के आपरेशन के नाम पर पैसे मांगता है। बाद में शिकारों को वह इंस्टाग्राम और जीवनसाथी डाॅट काम से लॉगआउट कर संपर्क विच्छेद कर लेता था।
कोट
गैंग की हिस्ट्रशीट खोली जाएगी और गैंगस्टर की भी कार्रवाई होगी। गैंगेस्टर के तहत संपत्ति जब्तीकरण तक की कार्रवाई पुलिस करेगी। -शैलेंद्र लाल, एएसपी सिटी। साभार ए यू।

पकड़े गए सभी आरोपी 

रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com

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