गाजीपुर। जिले में बिना लाइसेंस धड़ल्ले से संचालित हो रहे होटल, रेस्टोरेंट और ढाबें इन दिनों अवैध कारनामों के अड्डे बने हुए हैं। नियम और निर्देशों की धज्जियां उड़ा रहे इन होटलों पर शिकंजा कसना तो दूर कार्रवाई के नाम अधिकारियों की तंद्रा टूटने का नाम नहीं ले रही है।
नगर क्षेत्र में इन होटलों, रेस्टोरेंटों और ढाबों को बाढ़ सी आ गई है। शिकायत के बावजूद भी अधिकारी एक - दूसरे पर जांच करने की बात कहकर पल्ला झाड़ ले रहे हैं। ऐसे में इनके संचालक जेब भरने के लिए अवैध कार्यों को पूर्ण कराने में तनीक भी गुरेज नहीं कर रहे हैं। इधर कार्रवाई के नाम पर फाइलों को ठंडे बस्ते में डालकर मामले को रफा- दफा कर दिया जा रहा है।
शहर में संचालित हो रहे होटलों की बात की जाए तो जिला प्रशासन के पास मात्र 14 होटलों की सूची है, जो लाइसेंस लेने के साथ मानकों को पूराकर कर रहे हैं। जबकि हकीकत तो यह है कि इन लाइसेंस धारी एक से दो होटलों को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश होटलों में न तो पार्किंग की व्यवस्था और न ही सुरक्षा के दृष्टिकोण से कोई व्यवस्था की गई है। स्थिति यह है कि कागजों में ही मानक पूर्ण करके इनका संचालन वर्षों से किया जा रहा है। इसके अलावा शहर के प्रमुख स्थानों पर संचालित हो रहे होटलों को अभी लाइसेंस भी जारी नहीं हुआ कि संचालन शुरू कर दिया गया। सबसे बड़ी बात तो यह है कि इन होटलों के निर्माण में संचालकों ने बैंक से लाखों रुपये का लोन ले लिया। ऐसे में इसकी भरपाई करने के लिए सुबह से लेकर रात तक अवैध कारनामों की खुली छूट दे रखे हैं, जबकि उनको अभी होटल संचालन की अनुमति जिला प्रशासन की ओर से प्रदान नहीं की गई है। सूत्रों की माने तो ऐसे होटलों, ढाबों एवं रेस्टोरेंटों के संचालक संबंधित विभाग के कर्मचारियों एवं अधिकारियों को प्रतिमाह मोटी रकम पहुंचाते हैं, जिससे कार्रवाई के नाम पर उनकी फाइलों को ठंडे बस्ते में डाल दिया जा रहा है।
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बिना लाइसेंस दो होटलों की खुली अवैध कारनामों की पोल
गाजीपुर। शहर के प्रमुख स्थानों पर संचालित दो होटलों में अवैध कारनामों की पोल तब खुली, जब दिल्ली पुलिस द्वारा दोनों के संचालकों को तलब किया गया। यहीं नहीं इन दोनों होटलों में रात के अंधेरे और दिन के उजाले में हो रहे धंधे की भी जानकारी लोगों को उसी समय हो पाई, जब दिल्ली पुलिस ने एक किशोरी से दुष्कर्म के मामले में चार युवकों को पकड़ कर दिल्ली ले गई थी। इसके बाद लोगों को जानकारी हुई कि इन होटलों को अभी तक लाइसेंस भी जारी नहीं हो सका है।
फर्जी होटलों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश एसडीएम सदर को दिया है। जल्द ही जिला प्रशासन का शिकंजा ऐसे होटलों के खिलाफ कसेगा। - एके सिंह, एडीएम गाजीपुर। साभार ए यू।
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फाइल फोटो |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
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