अजब गजब। दुनिया के सबसे खतरनाक और विषैले वातावरण, जहां पर कोई भी जीव रहने की हिम्मत नहीं कर सकता. वहां पर एक ऐसा विचित्र सूक्ष्म जीव रहता है, जो सोना उगलता है.
आप हैरान न हों, यह एकदम सच है. यह जीव भारी और प्रदूषित धातुओं से भरी मिट्टी में पाया जाता है. यह जीव उन प्रदूषित धातुओं को धीरे-धीरे खा जाता है और फिर 24 कैरेट सोने के महीन टुकड़ों के रूप में परिवर्तित कर उन्हें बाहर निकाल देता है.
सोना उगलने वाले अनोखे जीव का नाम क्या है?
इस अनोखे जीव का नाम क्यूप्रियाविडस मेटालिड्यूरांस (Cupriavidus metallidurans) है. सहयोगी वेबसाइट WION की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी की टीम ने एक खोज में इस जीव का पता लगाया है. रिसर्च में पता चला है कि यह जीवाणु मिट्टी में दबी सोने और तांबे जैसी विषैली भारी धातुओं से निपटने के लिए अपनी प्राकृतिक रक्षा प्रणाली का उपयोग करता है. वह उन ठोस पदार्थों को धीरे-धीरे खाने लगता है.
चलता फिरता सोने का कारखाना
खाने के बाद वह अपने शरीर में एक रसायन को सक्रिय करता है. ऐसा करने पर उसकी सतह पर ठोस सोना बनने लगता है. यह सोना बेहद महीन आकार में होता है. लेकिन अगर उसे इकट्ठा किया जाए तो बड़ी मात्रा में ठोस सोना बनाया जा सकता है. ऐसे में इस जीव को आप एक चलता-फिरता सोना बनाने वाला कारखाना भी कह सकते हैं.
कैसे हुई सोना बनाने वाले बैक्टीरियम की खोज?
वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह बैक्टीरियम पहली बार 1976 में बेल्जियम के एक धातु-प्रसंस्करण कारखाने के औद्योगिक कचरे में खोजा गया था. यह उन जहरीले वातावरण में पनपता है, जो अन्य जीवों के जीने के लिए विषाक्त होते हैं. जैसे कि खनन अपशिष्ट, धातु-प्रदूषित मिट्टी और औद्योगिक अपशिष्ट स्थल आदि. यह एक लगभग एक ग्राम वजनी रॉड-आकार का बैक्टीरियम है, जो भारी धातुओं (जैसे तांबा, जस्ता, कैडमियम, पारा, और सोना) के प्रति प्रतिरोध के लिए जाना जाता है. यानी कि यह इन सभी धातुओं को खाकर सोने के रूप में बदल सकता है.
बेहद हाई होता है बैक्टीरियम का मेटाबॉलिज्म!
रिसर्च में पता चला है कि इस अनोखे जीव का मेटाबॉलिज्म लेवल बेहद हाई होता है, जिसकी वजह से यह ठोस धातुओं को भी खा जाता है. इसका शरीर प्राकृतिक रूप से डिटॉक्सिफाई मैकेनिज्म से बना है, जिससे इस पर पदार्थों के विषाक्तता का भी कोई असर नहीं होता है. मिट्टी में घुले हानिकारक स्वर्ण आयनों के संपर्क में आने पर यह यह CopA और CupA जैसे एंजाइम उत्सर्जित करता है. ये एंजाइम विषाक्त यौगिक निष्क्रिय करके उन्हें पचाने में मदद करता है. इसके बाद नैनोकणों के रूप में 24 कैरेट गोल्ड को यह बाहर उगल देता है. साभार जी मीडिया।
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बैक्टीरियम,फाइल फोटो |
रिपोर्ट:अमित कुमार सिंह
एडिटर इन चीफ(परमार टाईम्स)
parmartimes@gmail.com
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