नई दिल्ली। कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया (सीसीआई) के चुनाव के नतीजे मंगलवार की रात 2 बजे आए, जिसमें भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने अप्रत्याशित रूप से 100 से अधिक वोटों से अपने प्रतिद्धंदी भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान पर शानदार जीत दर्ज की।
रूडी को 392 तो बालियान को 290 वोट मिले। इस चुनाव में 700 से अधिक मतदाताओं ने अपने वोट का प्रयोग किया। क्लब के सदस्यों की संख्या 1300 के करीब है।
रूडी की जीत के बाद विपक्षी नेताओं में जश्न का माहौल है, क्योंकि इस चुनाव में बीजेपी के बड़े चाणक्य को पराजय का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में भले ही आमने सामने भाजपा के ही दो नेता थे, लेकिन यह चुनाव भाजपा बनाम विपक्ष हो गया था, जिसमें रूडी को अपने दल के नेताओं के साथ ही विपक्ष का भी खुला समर्थन मिला। ऐसे में इस चुनाव के बाद रूडी नेताओं के नेता साबित हुए तो भाजपा की चिंता बढ़ गई।
बिना भाजपा रूडी का दिल्ली में दबदबा
यह माना जा रहा है कि रूडी की इस जीत का प्रभाव बिहार चुनाव पर पड़ सकता है, जहां विपक्ष रूडी के सामने भाजपा के ही उम्मीदवार के होने को रूडी और बिहार के खिलाफ आपॅरेशन लोटस का नाम देते हुए इस मुद्दे पर जनता को भावनात्मक रूप से अपने साथ करने का प्रयास कर सकता है। कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि भाजपा को आपॅरेशन लोटस चलाने की आदत है। जब उसने देखा कि बिहार का एक नेता अपने दम पर भाजपा शीर्ष नेतृत्व के बिना ही लगातार सीसीआई का चुनाव जीत रहा है। उनसे मदद नहीं मांग रहा है तो उन्होंने रूडी को ही ऑपरेशन लोटस का शिकार बनाने के लिए उनके खिलाफ अपनी ही पार्टी का नेता खड़ा कर दिया। बिहार इसका जवाब देगा।
अमित शाह के करीबी ने बालियान का खुलकर किया था समर्थन
बालियान के प्रचार को चार बार के सांसद निशिकातं दुबे ने संभाला और क्लब को भ्रष्टाचार-दलालों का अड्डा तक करार दे दिया। यह कहा जा रहा है कि दुबे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के करीबी हैं। ऐसे में उन्हें केंद्रीय गृह मंत्री का भी समर्थन हासिल था। जिसके बाद विपक्ष ने मोर्चा संभालते हुए रूडी के लिए लामबंदी शुरू कर दी। यह बालियान बनाम रूडी की जगह विपक्ष बनाम केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का परोक्ष मुकाबला हो गया। जिससे देश भर की निगाहें इस चुनाव पर टिक गई। यह मुकाबला कितना अहम हो गया था। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसमें वोट देने के लिए पहली बार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नडडा, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी भी पहुंची। करीब 25 राउंड की मतगणना के बाद रूड़ी को विजेता घोषित कर दिया गया।
योगी और बृजभूषण ने किया रूडी का समर्थन
हालांकि कांस्टीट्यूशन क्लब के चुनाव में एक पक्ष और विपक्ष के अलावा एक और टीम एक्टिव थी। यह टीम उत्तर प्रदेश की है। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बृजभूषण शरण सिंह थे। हालांकि दोनों नेता उत्तर प्रदेश के हैं, लेकिन दोनों यूपी के बालियान की जगह राजीव प्रताप रूडी के साथ थे। सोशल मीडिया पर इस चुनाव को बिहार बनाम पश्चिमी उप्र, रूडी बनाम निशिकांत दुबे, राजपूत बनाम जाट के आईना में देखा गया। इसके अलावा सोशल मीडिया पर व सियासी गलियारों में चर्चा अमित शाह बनाम योगी के तौर पर भी देखा गया। अक्सर योगी और अमित शाह के बीच तुलना होती है। वहीं दोनों ही नेताओं का नाम समर्थक पीएम मोदी के रिप्लेशमेंट के नाम पर पुश करते हैं। साभार नव भारत।
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फाइल फोटो |
रिपोर्ट:अमित कुमार सिंह
एडिटर इन चीफ(परमार टाईम्स)
parmartimes@gmail.com
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